मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर एवं कांग्रेस प्रत्याशी सतीश सिकरवार ने दाखिल किया नामांकन
ग्वालियर।विधानसभा उप चुनाव में नामांकन दाखिल करने के दूसरे दिन तीन प्रत्याशियों द्वारा पर्चा दाखिल किया गया। इसमें विधानसभा 15 ग्वालियर में भाजपा से प्रद्युम्न सिंह तोमर द्वारा पर्चा दाखिल किया गया। जबकि विधानसभा 16 ग्वालियर में कांग्रेस से डॉ. सतीश सिंह सिकरवार व बीएसपी से आनंद सिंह कुशवाह ने अपने पर्चे दाखिल किए। इधर 19-डबरा (अजा) में अभी तक किसी भी प्रत्याशी द्वारा अपना पर्चा दाखिल नहीं किया गया है। श्री तोमर पर्चा दाखिल करने से पूर्व वह लाव-लश्कर के साथ कोटेश्वर मंदिर पहुंचे और यहां पूजा-अर्चना कर विजय होने का आशीर्वाद मांगा। मंदिर से निकलने के बाद उन्होंने अपने कार्यकार्ताओं के साथ कुछ दूर तक पद यात्रा की और क्षेत्रीय लोगों से आर्शीर्वाद लिया। श्री तोमर के साथ कलेक्ट्रेट तक जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी, कमलेश कौरश, अशोक शर्मा थे। इसी तरह सतीश सिकरवार भी पर्चा भरने से पहले अचलेश्वर मंदिर पहुंचे और आर्शीर्वाद लिया। सतीश के साथ कलेक्ट्रेट भवन के बाहर पूर्व मंत्री पी.सी. शर्मा, शहर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा मौजूद रहे।
इस दौरान मीडिया से चर्चा के दौरान मंत्री तोमर ने दावा किया की क्षेत्र की जनता उनके साथ है इसलिए उनकी चुनाव में जीत निश्चित है।मंदिर में दर्शन करने पर कहा किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान का आशीर्वाद लेना हमारी प्राचीन परंपरा है। उनके साथ मौजूद राज्यमंत्री भारत सिंह कुशवाह ने मंत्री तोमर का समर्थन करते हुए कहा की प्रद्युम्न सिंह एक सच्चे जनसेवक हैं। इस बार वह पहले से भी अधिक मतों से जीत दर्ज करेंगे।
ऐनवक्त पर दौड़े-दौड़े पहुंचे तोमर
पर्चा दाखिल करने के लिए सतीश सिकरवार नेदोपहर 12.20 पर रिटर्निंग अधिकारी के कक्ष में प्रवेश किया। हालांकि श्री सिकरवार की गाड़ी 20 मिनट तक अचलेश्वर रोड पर जाम में फंसी रही। इसी तरह प्रद्युम्न सिंह तोमर दोपहर 2.50 बजे रिटर्निंग अधिकारी के कक्ष में प्रवेश किया और अपना पर्चा दाखिल किया। समय कम होने के कारण श्री तोमर गलत प्रवेश द्वार से अंदर घुस गए। जबकि 15 ग्वालियर के लिए प्रवेश द्वार कलेक्ट्रेट भवन के पीछे वाला चिंहित किया गया है।
सोना, चांदी व नगदी में प्रद्युम्न पर भारी पत्नी
15 ग्वालियर से भाजपा प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह तोमर से ज्यादा उनकी पत्नी के पास नगदी और जेवरात हैं। श्री तोमर द्वारा नामांकन दाखिल करने के साथ ही एफिडेविड दिया है, जिसमें संपत्ति सहित पूरा रिकार्ड बताया है। जिसमें श्री तोमर के पास 1 लाख 12 हजार की नगदी और 6 लाख 25 हजार का 155 ग्राम सोना व करीब सात हजार की 155 ग्राम चांदी है। इसी तरह उनकी पत्नी के पास 1 लाख 28 हजार की नगदी और 34 लाख 50 हजार का 690 ग्राम सोना व 1 लाख 55 हजार की 3.050 ग्राम चांदी है। जबकि भूमि व मकान को छोड़कर कुल सम्पत्ति श्री तोमर के पास 97,39,370 है। इसी तहर उनकी पत्नी के पास कुल 42,79,502 है। इसके अलावा श्री तोमर के पास 1,37,25,000 कीमत की भूमि व मकान हैं। जबकि उनकी पत्नी के नाम पर 22 लाख कीमत की भूमि व मकान हैं।
सतीश सिकवार ने दाखिल किया नामांकन -
ग्वालियर पूर्व से कांग्रेस प्रत्याशी सतीश सिंह सिकरवार ने भी अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस दौरान उनके साथ पूर्व मंत्री पीसी शर्मा , वरिष्ठ कांग्रेस नेता बालेंदु शुक्ल, कांग्रेस जिलाध्यक्ष देवेंद्र शर्मा उपस्थित रहें।
प्रद्युम्न से ज्यादा सतीश पर हथियार
प्रद्युम्न व सतीश दोनों ही हथियारों के शौकीन भी हैं। सतीश सिकरवार के पास एक रिवाल्वर, एक 12 बोर बन्दूक और एक रायफल है। जबकि प्रद्युम्न के पास एक 12 बोर व एक माउजर है।
नगदी में प्रद्युम्न से गरीब सतीश
इधर कांग्रेस प्रत्याशी सतीश सिकरवार नगदी में मामले में प्रद्युम्न से गरीब हैं। श्री सिकरवार के पास हाथ में 65,300 और उनकी पत्नी के पास 60,800 नगदी है। जबकि जमीन व मकान को छोड़कर श्री सिकरवार के पास 33,13,242.55 रुपए और उनकी पत्नी के पास 28,88,885 रुपए हैं। जबकि भूमि व आवास की बात करें तो श्री सिकरवार के पास 44 लाख पचास हजार की भूमि व मकान हैं। इसी तरह उनकी पत्नी के पास 16 लाख की जमीन व मकान है।
12वीं पास प्रद्युम्न तो सतीश है डॉक्टे्रट
इधर दोनों प्रत्याशियों की शैक्षणिक स्तर की बात की जाए तो प्रद्युम्न से आगे सतीश हैं। प्रद्युम्न सिंह तोमर सिर्फ 12वीं तक पड़े हैं। जबकि सतीश सिकरवार ने पी. एच.डी की है।
पर्चा दाखिल करने के लिए चार दिन शेष
इधर अब पर्चा दाखिल करने के लिए सिर्फ चार दिन ही शेष बचे हैं। प्रत्याशी 13, 14, 15 व 16 अक्टूबर तक ही अपना पर्चा दाखिल कर सकेंगे। इसी तरह नामांकन की जांच 17 अक्टूबर को होगी और 19 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे।
कोविड के नियमों को नहीं किया जा रहा पालन
इधर नामांकन दाखिल प्रक्रिया के दौरान न तो प्रत्याशियों द्वारा चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा और न ही जिला प्रशासन द्वारा प्रत्याशियों व उनके साथ पहुंच रहे प्रस्तावकों के हाथों को सेनेटाइज भी नहीं किया जा रहा। जबकि आयोग के स्पष्ट निर्देश हैं कि कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए सारे दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए।