डबरा में युवक की हत्या मामले में तीन गिरफ्तार, मास्टरमाइंड गिरफ्त से दूर
हत्या में जिनके नाम प्राथमिकी में लिखवाएं, वह निकले बेकसूर
ग्वालियर। करीब आठ दिन पहले डबरा मे दिनदहाड़े युवक की हत्या का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। हत्या के बाद मृतक पक्ष की ओर से जिन लोगों के नाम एफआईआर मे लिखाए गए थे, वह तो बेकसुर निकले। असल में यह मामला सुपारी किलर का है। सुपारी देकर युवक की हत्या कराई गई थी। अभी तक पुलिस तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। लेकिन मुख्य सरगना जिसने गोली मारी, वह पुलिस के हाथ नहीं आ सका है। उसके पकड़े जाने के बाद ही पता चलेगा कि सुपारी किसने दी और क्यों दी। फिलहाल पुलिस उसकी तलाश मे जुटी हुई है। इन बदमाशों से एक 315 बोर का कट्टा एवं 1कारतूस, 3 मोबाइल, 5 हजार रूपये नगद एवं घटना के समय पहने गये एक जोड़ी जूते जप्त किये गये। सूत्रों की मानें तो हत्या का पूरा ताना बुना फरियादी के द्वारा ही बुना गया।
एसपी धर्मवीर सिंह यादव ने बताया कि डबरा सिटी क्षेत्रान्तर्गत सूर्य नगर, बल्ला का डेरा के पास 13 मार्च को युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक पक्ष की तरफ से पूरन सिंह गुर्जर ने थाना डबरा सिटी में भरत यादव, संदीप यादव, मुकेश परिहार, छोटू यादव एवं अज्ञात तीन पर एफआईटार कराई थी। जिनके नाम एफआईआर मे लिए लिखाए गए उनमे जिला पंचायत सदस्य का पति का नाम भी था। मर्डर के बाद एसपी स्वयं घटना स्थल पर पहुंचे और पुलिस अधिकारियों को आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए क्राईम ब्रांच व थाना बल की टीम को लगाने के निर्देश दिये। एएसपी षियाज़ के.एम.,द्वारा एएसी ग्रामीण निरंजन शर्मा से समन्वय स्थापित कर क्राईम ब्रांच व थाना डबरा सिटी पुलिस की संयुक्त टीम को लगाया गया। थाना प्रभारी क्राईम ब्रांच अजय सिंह पंवार एवं थाना प्रभारी डबरा सिटी यशवंत गोयल द्वारा उक्त टीम पड़ताल मे जुट गई। जब सीसीटीव्ही फुटेज देखे तो नामजद अभियुक्त भरत यादव एवं छोटू यादव की दिनारा में मुकेश परिहार की ग्लोबल हॉस्पिटल थाटीपुर एवं संदीप यादव की लोकेशन घटना स्थल पर नही दिखे।
सीसीटीव्ही फुटेज को ट्रैक किया
पुलिस ने मोबाइल लोकेेशन एवं सीसीटीव्ही फुटेज को ट्रैक किया तो घटनास्थल पर विश्वेन्द्र उर्फ पुष्पेंद्र रावत की सिम का इस्तेमाल होना पता चला। विश्वेन्द्र रावत निवासी मूडरी से पूछताछ की तो उसने बताया कि अपनी सिम पवन धानुक को दी थी। पवन धानुक से पूछा तो उसने बताया कि उसके द्वारा उक्त सिम को शिवराम रावत निवासी गोराघाट को दे दी थी और पूछताछ में उसने स्वयं तथा शिवम रावत निवासी रई तथा शिवराम रावत निवासी गोराघाट के द्वारा मोटर साइकिल से घटना स्थल पर पहुंचना और मृतक लल्ला उर्फ नरेन्द्र गुर्जर को गोली मारने की घटना को स्वीकार किया। पुलिस ने रॉकी उर्फ विश्वेन्द्र रावत उर्फ पुष्पेन्द्र रावत निवासी मूडरी थाना बेलगढ़ा, पवन धानुक पुत्र राजू धानुक निवासी ग्राम रई थाना करहिया और शिवम रावत पुत्र पूरन सिंह रावत निवासी ग्राम रई थाना करहिया को गिरफ्तार कर लिया।
मुख्य सरगना से खुलेगी पूरी कहानी
इस हत्या का मास्टरमाइंड, मुख्य सरगना शिवराम रावत है जो कि गिरफ्त मे आएं रॉकी का ममिया ससुर है। उसी ने लल्ला को गोली मारी थी। पूछताछ मे खुलासा हुआ कि पुलिस गिरफ्त मे आए तीनों आरोपियों को कुछ रूपए भी मिले थे। बाकी रकम शिवराम के पास है। उसके पकड़े जाने पर ही खुलासा होगा कि उसने क्यों और किसके कहने पर हत्या को अंजाम दिया।
इस टीम ने किया का काम
क्राईम ब्रांच टीम से उप निरीक्षक शिशिर तिवारी, राजीव सोलंकी, सउनि दिनेश सिंह तोमर, प्रधान आरक्षक जितेन्द्र तिवारी, अजय शर्मा, आरक्षक सोनू परिहार, राहुल दुबे, सौरभ चौहान, देवव्रत तोमर, प्रमोद शर्मा, रामवीर, मनीष कटारे, अभिषेक यादव, श्रीकृष्ण तोमर, गौरव भदौरिया, सुमित शर्मा, रणवीर शर्मा, श्याम शर्मा, जितेन्द्र गुर्जर तथा उप निरीक्षक रजनी रघुवंशी, आरक्षक शिवकुमार यादव, सोनू प्रजापति थाना डबरा सिटी टीम से उप निरीक्षक राहुल सैंधव, सउनि गंगा सिंह, प्र.आर. रामवरण लोधी थाना आरोन, सत्यम सिंह, शिवम गौर, अखिलेश गुर्जर, प्रदीप दांगी, अविनाश पटसारिया की सराहनीय भूमिका रही है।