नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोरोना आपदा के चलते घोषित लॉकडाउन और इस महामारी से बचाव के उपायो से लोगों के जीवन में जो बदलाव आये हैं, उस संबंध में अपने अनुभव नौकरी प्रदाता कंपनी लिंक्ड इन के साथ साझा किये है। प्रधानमंत्री ने अनुभव भरे अपन लेख में लिखा है की इस सदी के इस सदी के तीसरे दशक की शुरुआत में COVID-19 अपने साथ कई व्यवधान लाया है। इस महामारी ने आम जनों का जो नौकरी, व्यवसाय आदि अन्य कार्य करते है। उनके पेशेवर जीवन के रूप-रेखा को काफी बदल दिया है।
लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के चलते लोगो के उनका घर ही नया कार्यलय बन गया है।इसी के साथ इंटरनेट ऑफिस का मीटिंग हॉल बन गया है। इस समय देश में वजह से सभी की अपने सहयोगियों से दूरी एवं ऑफिस से पूरे देश को एक साथ मिली छुट्टी एक इतिहास बन गई हैं। उन्होंने आगे लिखा की सोशल डिस्टेंसिंग के कारण जो बदलाव आये हैं, उन्हें मैं भी अपना रहा हूँ। उन्होंने कहा की इस समय सभी वैश्विक नेताओ,मंत्रियों एवं अधिकारीयों के साथ बैठकें ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हो रहीं है।
उन्होंने बताया की इस दौरान लाभ प्राप्त करने वाले लाभार्थियों से उनकी प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए समाज के कई वर्गों के साथ वीडियोकांफ्रेंसिंगके माध्यम से बैठकें एवं गैरसरकारी संगठनों, नागरिक समाज समूहों और सामुदायिक संगठनों के साथ व्यापक बातचीत हुई। इसके अलावा रोजाना फोन पर बातचीत द्वारा समाज के विभिन्न वर्गों से फीडबैक प्राप्त कर रहा हूँ।
इस समय कई ऐसे विकल्प और नए तरीके देखने को मिल रहे हैं, जिनके माध्यम से लोग अपने कार्यों को जारी रखे हुए हैं। जैसे की शतरंज के खिलाड़ियों ने डिजिटल रूप से शतरंज खेला और COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में योगदान दिया। हमारे गायकों ने एक ऑनलाइन कॉन्सर्ट किया
वर्क प्लेस को डिजिटल फर्स्ट मिल रहा है -
पीएम ने आगे लिखा की तकनीक का सबसे अधिक प्रभाव अक्सर गरीबों पर पड़ता है। तकनीक ही वह तरीका है जो नौकरशाही को ध्वस्त कर, बिचौलियों को समाप्त करने के साथ कल्याणकारी उपायों को तेज करती है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया की जब हमें 2014 में सेवा करने का अवसर मिला, तो हमने विशेषकर गरीबों को जन धन खाते, आधार और मोबाइल से जोड़ना शुरू किया।इस व्यवस्था ने डिजिटल इण्डिया वह बुनियादी सुविधा है। जिसने COVID-19 स्थिति के दौरान गरीबों और जरूरतमंदों को धन हस्तांतरित करने में, करोड़ों परिवारों को लाभ पहुंचाने में सरकार की बहुत मदद की है।
देश में ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने एवं शिक्षकों की मदद करने के लिए भारत सरकार ने DIKSHA पोर्टल जैसे प्रयास किए हैं। इसके अलावा शिक्षा की पहुंच, इक्विटी और गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से SWAYAM है। यह ऑनलाइन पाठशाला कई भाषाओं में उपलब्ध है। यह विभिन्न ई-पुस्तकों और इस तरह की शिक्षण सामग्री तक लोगों की पहुँच को सक्षम बनाती है।
दुनिया नए व्यापार मॉडल की खोज में है-
भारत, एक युवा राष्ट्र है जो अपने अभिनव उत्साह के लिए जाना जाता है, इसलिए यह एक नई कार्य संस्कृति प्रदान करने का बीड़ा उठा सकता है। यह ऑनलाइन कार्य संस्कृति COVID -19 के बाद भी एक कार्य करने के लिए देश में एक विकल्प बनकर उभरेगी।
अनुकूलन क्षमता-
उन्होंने आगे लिखा की समय की आवश्यकता व्यवसाय और जीवन शैली मॉडल के बारे में सोचने का है। ऐसी जीवनशैली के विषय में जो सरल एवं अनुकूलनीय हो। ऐसी जीवनशैली के लिए तैयार होने से का अर्थ होगा की हम भविष्य में किसी भी संकट के समय अपने कार्यालय, व्यवसाय और वाणिज्य को तेजी से आगे बढ़ा सकते हैं,जोकि सुनिश्चित करता है कोई नुकसान न हो।
डिजिटल भुगतान को गले लगाना अनुकूलनशीलता का एक प्रमुख उदाहरण है। वाणिज्य से जुड़े दुकान के मालिकों को बड़े और छोटे डिजिटल उपकरणों में निवेश करना चाहिए। जो संकट के समय उपलब्ध हो। देश वासियों में पहले से ही डिजिटल लेनदेन में उत्साहजनक वृद्धि देखने को मिली है। इसके अलावा एक अन्य उदाहरण टेलीमेडिसिन है।इस समय हम बिना क्लिनिक या अस्पताल जाए बिना परामर्श लेते लोगो को देख रहे हैं। भविष्य में हम देश में टेलीमेडिसिन की मदद के लिए एक बिजनेस मॉडल के बारे में सोच सकते हैं?
समावेशिता-
उन्होंने लिखा की जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए हमने बड़ी प्रगति की है। मदर नेचर ने हमें उसकी भव्यता का प्रदर्शन किया है, यह दिखाते हुए कि मानव गतिविधि धीमी होने पर यह कितनी जल्दी फल-फूल सकती है। विकासशील प्रौद्योगिकियों और प्रथाओं में एक महत्वपूर्ण भविष्य है जो ग्रह पर हमारे प्रभाव को कम करता है। आइए हम ऐसे व्यवसाय मॉडल विकसित करें जो गरीबों की देखभाल करने के लिए प्रधानता देता है। COVID-19 ने हमें कम लागत और बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य समाधान पर काम करने की आवश्यकता का एहसास कराया है। हम मानवता के स्वास्थ्य और भलाई को सुनिश्चित करने के वैश्विक प्रयासों के लिए एक मार्गदर्शक प्रकाश बन सकते हैं।