सात दिन में आठ लाख का रिफंड कर चुका रेलवे
आए दिन ट्रेन रद्द होने से यात्रियों को परेशानी, रीफंड लेने काट रहे चक्कर
ग्वालियर,न.सं.। सभी के लिए ट्रेन यात्रा का प्रमुख साधन है। लेकिन आए दिन ट्रेनों के रद्द होने से यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। लोग कतार में लगकर टिकट बनवातेे हैं और आरक्षण करवाते है फिर ट्रेन रद्द होने पर फिर लाइन में लगकर उसे रद्द करवाते हैं। परेशानी अलग होती है और काम का नुकसान भी होता है। भीड़ होने के कारण कई महीनों पूर्व लोगों द्वारा कतार में लगकर टिकट बनवाने की प्रक्रिया पूर्ण की जा रही है, फिर अचानक खबर आती है कि ट्रेन रद्द हो गई। फिर यात्री को कतार मे लगकर अपनी टिकट रद्द करवानी पड़ती है।
ट्रेन रद्द होने पर भारी जद्दोजहद के बाद वैसे तो यात्री को पूरा रिफंड मिलता है, लेकिन यदि वेटिंग की भारी भरकम लिस्ट देखकर यात्री स्वत: टिकट रद्द करवाते हैं तो उसे भारी भरकम चार्ज से गुजरना पड़ता है। एक टिकट का उसे 120 रुपया अदा करना पड़ता है, अर्थात कतार में लगकर टिकट बनवाओ और बड़ा चार्ज देकर फिर कतार में टिकट रद्द करवाओ। मथुरा, बुधनी रेल मार्ग पर चल रहे इंटरलॉकिंग कार्य के चलते रेलवे ने कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है। पिछले सात दिनों की बात करें तो रेलवे ने आठ लाख रूपए का रिफंड लौटा चुका है। प्रत्येक दिन सवा लाख रूपए का रिफंड दिया जा रहा है। मंगलवार को बरौनी मेल के रद्द होने से लगभग 25 टिकट रद्द कराए गए।
महिला की तबियत खराब, एम्बुलेंस से अस्पताल रवाना
सिकंदराबाद से निजामुद्दीन जा रही ट्रेन के एस-11 की बर्थ नम्बर 18 पर महिला यात्री हेमलता भारती अपने परिजनों के साथ यात्रा कर रही थी। तभी महिला को घबराहट हुई तो ट्रेन में मौजूद टीटीई ने ग्वालियर डिप्टीएसएस को मामले की जानकारी दी। ट्रेन के आने से पहले डिप्टी एसएस अखिलेश तिवारी ने एम्बुलेंस को स्टेशन पर बुलवा लिया व महिला यात्री के ट्रेन से उतरने के बाद उसे जयारोग्य अस्पताल पहुंचाया।
यात्री ने कहा ट्रेन निरस्त का मैसेज आया
मंगलवार को एक यात्री डिप्टीएसएस कार्यालय पहुंचा व बताया कि उसके मोबाइल पर उदयपुुर खजुराहो के निरस्त होने के मैसेज आया है बाद में ट्रेन के आने का मैसेज आया है। जिसके चलते यात्री काफी देर गफलत में रहा। बाद में ट्रेन के आने की पुष्टि रेेलवे कर्मचारियों ने की। यहां बता दे कि ट्रेनों के रद्द होने पर सबसे जयादा परेशानी यात्रियों को हो रही है।