कला के माध्यम से होता है मानसिक विकास : शेजवलकर
स्कूली शिक्षा विभाग का अनुगूंज कार्यक्रम आयोजित
ग्वालियर। कला से समृद्ध शिक्षा के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए धनक और रंगकार के रूप में सजा अनुगूँज कार्यक्रम मंगलवार को जीवाजी विश्वविद्यालय के अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में आयोजित हुआ। रंगारंग कार्यक्रम में शासकीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से उपस्थित श्रोताओं का मन मोह लिया। सभागार में जब बच्चों ने खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी सुनाया तो पूरा हॉल गूँज उठा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में ग्वालियर सांसद विवेक शेजवलकर उपस्थित थे। स्वागत भाषण संयुक्त संचालक शिक्षा राजीव कृष्ण उपाध्याय ने दिया।
मुख्य अतिथि ने कहा कि कला के माध्यम से केवल मनोरंजन ही नहीं होता बल्कि मानसिक विकास भी होता है। कलाकारों की प्रस्तुति भगवान की आराधना होती है। इससे व्यक्ति का बौद्धिक विकास होता है। हर व्यक्ति को अपने जीवन में किसी न किसी कला से जुड़कर अपने व्यक्तित्व का विकास करना चाहिए। मुख्य अतिथि ने कहा कि संत महात्मा भी अकेले में आराधना कर आध्यात्म की प्राप्ति करते हैं। लेकिन कलाओं के माध्यम से सबको जोड़कर जो आराधना की जाती है वह और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। मुख्य अतिथि ने कहा कि लोगों की मान्यता रहती है कि प्रायवेट स्कूलों में पढऩे वाले बच्चे ही प्रतिभावान होते हैं। शासकीय स्कूलों के मेधावी छात्रों ने इस अवधारणा को पूरी तरह से निराधार करके दिखाया है। इस दौरान मुख्य अतिथि ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत सम्पूर्ण देश में चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान से हर व्यक्ति को जोड़ने के उद्देश्य से स्वच्छता की शपथ दिलाई। इस मौके पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराडकर, अनुगूँज कार्यक्रम के प्रदेश कॉर्डिनेटर आलोक जोशी, सीईओ जिला पंचायत आशीष तिवारी, जिला शिक्षा अधिकारी विवेक जोशी सहित शासकीय विद्यालयों के अध्यापक एवं छात्र-छात्रा आदि उपस्थित थे। संचालन मुस्कान बोहरे, संकल्प शर्मा, अंजलि बघेल और अमन सिंह तोमर द्वारा किया गया। विद्यार्थियों द्वारा चित्रकला एवं मूर्तिकला से तैयार किए गए, सामग्री की कलाकृतियां भी कार्यक्रम स्थल पर प्रदर्शित की गई।
यह हुईं प्रस्तुतियां: कार्यक्रम के प्रारंभ में मोहम्मद अहमद खान, अली अहमद खान के निर्देशन में गायन की प्रस्तुति दी गई। छात्र-छात्राओं ने महारानी लक्ष्मीबाई की कविता पर गायन प्रस्तुत किया। खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी की प्रस्तुति पर पूरा सदन तालियों से गूँज उठा। इसके पश्चात श्रीमती पद्मा शंकर के निर्देशन में भरत नाट्यम एवं मोहिनी अट्टम की प्रस्तुति हुई। डॉ. सुश्री अंजना झा के निर्देशन में छात्र-छात्राओं ने कत्थक की प्रस्तुति दी। श्रीमती पद्मजा शंकर के निर्देशन में नारी सशक्तिकरण पर प्रस्तुत भरत नाट्यम भी लोगों को बहुत पसंद आया। महाराज कुमार होजाईन गम्बा सिंह के निर्देशन में फ्यूजन की प्रस्तुति हुई। अनुगूंज कार्यक्रम के अंत में विनय बिन्दे के निर्देशन में गाँधी जी के आदर्शों पर नाटक प्रस्तुत किया गया जिसमें स्वच्छता, अहिंसा, नशे से मुक्ति विषय को केन्द्रित करते हुए छात्र-छात्राओं ने शानदार प्रस्तुति दी। इस मौके पर बच्चों ने फ्यूजन संगीत भी प्रस्तुत किया।