18 साल से दहाड़ रही "रानी" हुई गुमसुम, चिड़ियाघर में छाई मायूसी
प्रदेश की सबसे वृद्ध मादा शेर "रानी" ने खाना, पीना,घूमना, छोड़ा, जबलपुर से चेकअप के लिए आये वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक, हलकी डाइट के साथ मल्टीविटामिन भी शुरू
ग्वालियर। गांधी प्राणी उद्यान यानि चिड़ियाघर में रह रही प्रदेश की सबसे वृद्ध 24 वर्षीय शेरनी "रानी " की तबियत इन दिनों खराब है। पिछले कुछ दिनों से उसने खाना पीना बहुत कम कर दिया है। उसका वजन भी घट रहा है। "रानी" ना अपने केज से बाहर आती है और ना ही पहले की तरह दहाड़ती है। चिड़ियाघर प्रबंधन उसपर सतत निगरानी रखे है । उसका चेकअप करने जबलपुर से वरिष्ठ वन्य प्राणी विशेषज्ञ आये। उन्होंने परीक्षण के बाद कहा कि "रानी " उचित देखभाल के चलते ही इतनी आयु पूरी कर पाई है। अब और कितना जीवित रहेगी ये ईश्वर के हाथ में है ।
" रानी" को लखनऊ के चिड़ियाघर से 2000 में ग्वालियर गांधी प्राणी उद्यान लाया गया था । और तभी से वो यहाँ सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बानी हुई है । सामान्य तौर पर शेर की औसत आयु जंगल में 12 से 14 साल होती है और चिड़ियाघर में ये 18 से 21 साल तक जीवित रह सकते हैं लेकिन "रानी" अब 24 साल की हो चुकी है। जिसके कारण अब वो चलने फिरने में लाचार हो गई है । उसे दिखना कम हो गया है। वो अब केज से भी बाहर नहीं आती। केज में अधिकांश समय बैठी या लेटी रहती है। कोई उसके पास नहीं जा सकता, इसलिए केवल वही कर्मचारी उसके पास जाते है जो लम्बे समय से उसको खाना आदि दे रहे हैं या उसके केज की साफ़ सफाई कर रहे हैं । "रानी" की अवस्था देखकर चिड़ियाघर प्रबंधन को उसकी चिंता सता रही है। जबलपुर से आये वरिष्ठ चिकित्सक की सलाह पर "रानी"की डाइट में दूध और अंडे के साथ मल्टी विटामिन्स और सप्लीमेंट्स शामिल किये जा रहे है। उधर " रानी" के बीमार होने से चिड़ियाघर पहुँचने वाले सैलानी भी मायूस हैं ।