जयारोग्य के ब्लड बैंक में रक्त का आकाल, नहीं मिल रहा मरीजों को खून

Update: 2024-04-09 06:32 GMT

ग्वालियर।  अंचल के सबसे बड़े जयारोग्य चिकित्साल समूह के ब्लड बैंक में रक्त का अकाल हो गया है। रक्त कोष में अधिकांश ग्रुप का रक्त का स्टाक खत्म हो गया है। जिस कारण मरीजों को अब खून के लिए परेशान होना पड़ रहा है। ब्लड़ बैंक के चिकित्सकों का कहना है कि अस्पताल के रक्कोष में पांच साल में पहली बार ऐसी स्थिति बनी है। क्योंकि रक्त की खपत को लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन रक्तदान के नाम पर लोग आगे नहीं आ रहे हैं।

दरअसल जयारोग्य चिकित्सालय का ब्लड़ बैंक जिले का सबसे बड़ा ब्लड़ बैंक हैं। यहां 300 यूनिट रक्त रखने की क्षमता की सुविधा है। यहां से सामान्य दिनों

80 से 85 यूनिट रक्त मरीजों को दिया जाता है। हर महीने 12 से 15 मरीज थैलीसीमिया के आते हैं और हर महीने 30 से 40 यूनिट रक्त प्रसूताओं के लिए दिया जाता है। मगर पिछले एक माह से ब्लड़ बैंक से मरीजों के लिए रक्त तो दिया गया, लेकिन रक्तदान के नाम पर लोग आगे नहीं आए। यही कारण है कि अब ब्लड़ बैंक में रक्त का आकाल पड़ गया है। ऐसे में अगर जल्द ही अस्पताल प्रबंधन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए तो मरीजों के लिए यह गम्भीर समस्या बन सकती है।

आमजन व सामाजिक संस्थाओं से मदद की गुहार

ब्लड़ बैंक में रक्त की स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने इस स्थिति से निपटने के लिए अब आमजन और सामाजिसक संस्थाओं से मदद की गुहार लगाई है। ब्लड बैंक चिकित्सकों के मुताबिक ऐसी स्थिति विभिन्न कारणों से उत्पन्न हुई है, लेकिन इस समस्या को दूर करने के लिए स्वैच्छि रक्तदान और रक्तदान शिविर का आयोजन ही एक मात्र उपाय है।

मरीजों के लिए निर्मित होगी गम्भीर स्थिति

अस्पताल के ब्लड़ बैंक में अगर ब्लड़ का स्टॉक नहीं बढ़ता है तो मरीजों के लिए गम्भीर स्थिति निर्मित हो जाएगी। क्योंकि जयारोग्य के ट्रॉमा सेन्टर में दुर्घटना समेत अन्य सभी प्रकार के मरीजों उपचार के लिए पहुंचते हैं और स्टॉक खत्म होने से मरीजों को दिक्कत होगी। इसी तरह गयानिक विभाग में भी प्रसव के दौरान इमरजेंसी में प्रसूताओं को रक्त की आवश्यकता पड़ती है।

इस लिए भी उत्पन्न हुई यह स्थिति

- ब्लड़ बैंक में अगर कोई मरीज के परिजन रक्त लेने पहुंचता है तो उसे 1 हजार 50 रुपए का शुल्क चुकाना पड़ता था। लेकिन शासन के निर्देश पर 1 जनवरी से यह शुल्क खत्म कर दिया गया है। जिस कारण ऐसे मरीज जिन्हें सिर्फ रक्त चढ़ाने की जरूरत है, वे जयारोग्य में ही भर्ती हो रहे हैं।

- ट्रॉमा सेन्टर में अधिकांश गम्भीर स्थिति में मरीज उपचार के लिए पहुंचता है और मरीज को रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है। लेकिन मरीज के साथ पर्याप्त परिजन न होने के कारण मरीज को रक्त तो दे दिया जाता है। लेकिन रक्तदान नहीं होता।

सामाजिक संस्थाएं भी नहीं आती आगे

जिले में रक्तदान के प्रति जागरूक करने के लिए तमाम संस्थाएं हैं। लेकिन अधिकांश संस्थाएं या तो रेड क्रॉस के सहयोग से या फिर निजी ब्लड़ बैंक के सहयोग से रक्तदान शिविर आयोगित करते हैं। जबकि जयारोग्य के ब्लड़ बैंक को बहुत कम संस्थाएं ही सहयोग करती हैं।

वर्तमान में यह है रक्तकोष में स्थित

ब्लड़ ग्रुप स्टाक

ए पॉजिटिव 00

बी पॉजिटिव 16

ओ पॉजिटिव 00

एबी पॉजिटिव 22

ए निगेटिव 00

बी निगेटिव 04

ओ निगेटिव 00

एबी निगेटिव 03

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