डबरा निवासी सगे भाइयों की सारंगी वादन से सजेगी तानसेन समारोह की महफिल

Update: 2020-12-22 02:00 GMT
सारंगी को हाथों में लेते ही अंगुलियों की थिरकन बढ़ जाती है

ग्वालियर/नवीन सविता। संगीत सम्राट तानसेन की स्मृति में 26 दिसंबर से शुरू होने जा रहे तानसेन समारोह में जाने-माने कला साधक स्वर सम्राट को अपने गायन और बादन की प्रस्तुति देकर श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे। इस बार तानसेन समारोह की खास रौनक सगे भाई अब्दुल मजीद खां और अब्दुल हामिद खां का सारंगी वादन होगा। खास बात यह है कि इन दोनों सगे भाइयों ने संगीत की शिक्षा अपने पिता उस्ताद बशीर खान साहब से ली थी और इनके खानदान में सभी शास्त्रीय संगीत से नाता है। सोमवार को स्वदेश ने इन दोनों कलाकारों से चर्चा की। जिसमें अब्दुल मजीद खां ने बताया कि उन्हें होश संभालते ही सारंगी की धुनों से प्रेम हो गया। वे 45 बसंत पार कर चुके हैं। लेकिन सारंगी को हाथों में लेते ही अंगुलियों की थिरकन बढ़ जाती है। सारंगी वादक अब्दुल मजीद की सात पीढिय़ां संगीत की साधक रही हैं। उन्होंने कहा कि सारंगी वादन करना उनके लिए प्रभु की भक्ति के समान है। सारंगी के जरिए संगीत साधना उन्हें विरासत में मिली है। उनके पूर्वज सात पीढिय़ों से करते रहे हैं।

तानसेन समारोह की मुख्य सभा में अब्दुल मजीद अपने भाई अब्दुल हमीद के साथ सारंगी की जुगलबंदी करेंगे। इससे पहले भी वर्ष 2016 में तानसेन समारोह में वह प्रस्तुति दे चुके हैं। उन्होंने बताया कि अब चार साल बाद सारंगी वादन का प्रस्तुति देने का मौका मिल रहा है। जिसको लेकर काफी खुशी महसूस हो रही है। उन्होनें कहा कि युवा वर्ग को शास्त्रीय संगीत में रूचि लेना चाहिए, क्योंकि यहीं संगीत की आत्मा होती है। साथ ही शास्त्रीय संगीत में सहायक वाद्ययंत्र सारंगी आदि में भी ज्ञान अर्जित करना चाहिए। वर्तमान में अब्दुल मजीद खां ग्वालियर आकाश वाणी में एक गे्रड के सारंगी वादक के पद पर कार्यरत है।

बचपन से रुचि थी

अब्दुल हमीद खां ने बताया कि उन्हें बचपन से ही शास्त्रीय संगीत के प्रति रुचि थी। जब वे आठ वर्ष की उम्र के थे, तब पिता उस्ताद वशीर खां साहब घर में ही रियाज करते थे। घर में शुरू से संगीत का माहौल देखने के कारण इस क्षेत्र में जाने का निश्चय किया। अब्दुल हमीद को वर्ष 1999 में सारंगी वादन के लिए गोल्ड मेडल दिया गया। वर्तमान में राजा मान सिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय में सारंगी वादक के पद पर कार्यरत हैं।

एक नजर में परिचय

नाम: अब्दुल मजीद खां

ख्याति: सारंगी वादक

जन्मस्थान: डबरा

वर्तमान निवास: ग्वालियर

खास पहचान: सुरीला आलाप एवं तेज ताने

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