ग्वालियर का ये...मंदिर तंत्र साधना के लिए है प्रसिद्ध, जानिए क्या है विशेषता
ग्वालियर। शहर के बिरला नगर में तारा विद्यापीठ में भक्तों की मनोकामना के लिए चैत्र माह की नवरात्र में नौ दिनों तक सतचंडी यज्ञ का आयोजन किया जाता है। ऐसी मान्यता है की इस यज्ञ में भाग लेने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। नवरात्री के दिनों में बड़ी संख्या में यहां भक्त एकत्र होते है।
मंदिर की स्थापना 2034 संवत में हुई थी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार तारामाई में भगवान सूर्य की शक्ति विद्यमान है। ये भगवान राम की कुलदेवी है। पठन-पाठन से जुड़े लोगों और छात्रों के लिए तारादेवी की उपासना लाभदायक मानी जाती है। मंदिर पर नियमित रूप से सुबह और शाम को आरती होती है। इस आरती में वह भक्त ही शामिल होते है। जो भक्त माला जपते है। मंदिर के मुख्य पुजारी के नेतृत्व में मंदिर में सभी धार्मिक कार्य किए जाते है। इस नौ दिनों में पूजा अर्चना के लिए मंदिर में काफी समय से तैयारियां शुरू हो जाती है।
मंदिर की ख्याति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की आम लोगों के साथ कई बड़े नेता इस मंदिर में दर्शन के लिए आते है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी यहां आकर माथा टेक चुके है। उनके अलावा पूर्व मुख्य मंत्री उमा भारती , बाबूलाल गौर, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुधंरा राजे सिंधिया आदि कई नेता भी समय समय पर आकर दर्शन करते है।