Gwalior : 14 लाख की लागत से तैयार "टूरिस्ट इंर्फोमेशन सेंटर" अब सौवेनीर शॉप, शहर की लोक कला को देख सकेंगे टूरिस्ट
शहर की लोक कलाओं को देश-विदेश में पहचान दिलाने के लिए बाड़ा स्थित टूरिस्ट इंर्फोमेशन सेंटर को सौवेनीर शॉप का रूप दिया जा रहा है। जहाँ ग्वालियर कालीन स्कल्पचर, बत्तो बाई गुड़िया आदि खरीद और देख सकेंगे
ग्वालियर/सिटी रिपोर्टर। शहर की लोक कलाओं को देश-विदेश में पहचान दिलाने के लिए बाड़ा स्थित टूरिस्ट इंर्फोमेशन सेंटर को सौवेनीर शॉप का रूप दिया जा रहा है। जिसे स्मार्ट सिटी ने 14 लाख की लागत से तैयार किया है। जहां अब शहर के कलाकारों को रोजगार के साथ पहचान भी मिलेगी। देश-विदेश से हर साल लगभग हजारों पर्यटक घूमने आते हैं। लेकिन शहर के कुछ मॉन्यूमेंट्स देखकर वापस लौट जाते हैं। अब वह लोक कलाओं के बारे में भी जान सकें। इसके लिए टूरिस्ट इंर्फोमेशन सेंटर में शहर के कलाकारों को जगह दी जाएगी। जहां वह अपने प्रोडक्ट्स को प्रदर्शित करेंगे, जिससे आने वाले पर्यटक या शहरवासी भी लोक कलाओं के बारे में जानने के साथ खरीदारी भी कर सकें।
सौवेनीर शॉप में देख सकेंगे लोक कला-
इस शॉप में लोक कलाओं को प्रदर्शित किया जाएगा। शहर में कई कलाकार हैं जो होनी कलाओं के प्रदर्शन से प्रसिद्धि पा चुके हैं। वर्तमान में उचित अवसर न मिल पाने के कारण उनकी कलाएं खत्म होने की कगार पर आ पहुंचीं है। उन्हें ख्याति दिलाने और लोगों के सामने लाने का काम किया जाएगा। शहर के प्रसिद्व कालीन, चीनी के बर्तन, बत्तोबाई गुड़िया, मेटल प्रोडक्ट, धागे की कढ़ाई के कपड़े आदि की प्रतिलिपि रखी जाएंगी।
सेंटर में देख सकेंगे इन कला को -
ग्वालियर के कालीन -
ग्वालियर के हस्तनिर्मित कालीनों को अप्रैल माह में जीआई टैग मिल चुका है। शहर में हस्तनिर्मित कालीन का कार्य 1528 से 1731 के दौरान मुगल साम्राज्य के शासन में शुरू किया गया था। जब मुगल ग्वालियर आए थे तो वह कालीन बनाने वाले कारीगर भी साथ लाये थे। तब से कालीन बनाने का काम शहर में शरू हुआ। इसके बाद मराठा साम्राज्य के दौरान भी कालीन का निर्माण चलता रहा। ग्वालियर में बनने वाली कालीन फारसी डिजाइन से प्रभावित हैं जिन्हे सेंटर में अवलोकन एवं बिक्री के लिए रखा जाएगा।
बत्तोबाई गुड़िया -
ग्वालियर की प्रसिद्व बत्तोबाई गुड़िया भी सेंटर में देखने मिलेगी। मप्र टूरिज्म डिपार्टमेंट ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर बत्तोबाई गुड़िया की जानकारी को उल्लिखित किया है। इस सेंटर से गुड़िया को पर्यटक देखने के साथ खरीद भी सकेंगे। इससे कलाकारों को रोजगार भी मिल सकेगा।
पत्थरों की मूर्तियां -
सेंटर में सैंडस्टोन से बनी मूर्तियां भी प्रदर्शित की जाएंगी। आर्ट एंड क्राफ्ट सेंटर के कलाकारों द्वारा बनाई गई छोटे आकार की मूर्तियां रखी जाएंगी। जिन्हें शहरवासी के साथ पर्यटक भी खरीद सकेंगे।
पर्यटक ले सकेंगे मॉन्यूमेंट्स की जानकारी -
देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को शहर के मॉन्यूमेंट्स के साथ हैरिटेज डेस्टिनेशन की जानकारी भी दी जाएगी। भदावना, तिघरा, ग्वालियर का किला, म्यूजियम, शहर के मार्केट आदि हिस्टोरिकल जगहों के बारे में जान सकेंगे।
लोक कला को मिलेगी पहचान -
इस सेंटर में कलाकारों को रोजगार के साथ पहचान भी मिलेगी। ऐसे आर्टिस्ट जिन्हे जगह न मिलने की वजह से भटकना पड़ता है, उन्हें भी अपने शिल्प की प्रतिलिपि रखने का अवसर मिलेगा। अगर पर्यटक खरीदना चाहे तो कलाकार से कांटेक्ट करके खरीद सकेगा।