होली के बाद अब घर वापसी को लेकर उमड़ी भीड़, सुबह से तत्काल के लिए लगी लाइन
ग्वालियर। होली के खत्म होते ही बुधवार से लौटने वाले रेल यात्रियों की संख्या बढ़ गई है। नई दिल्ली की ओर जाने वाली मंगला एक्सप्रेस, केरला एक्सप्रेस, पंजाबमेल, ताज एक्सप्रेस, उदयपुर इंटरसिटी, हीराकुंड एक्सप्रेस, समता एक्सप्रेस, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के सामान्य कोचों में काफी भीड़ रही। इधर लंबी दूरी की ट्रेनों में आरक्षण के लिए काफी मारा मारी हो रही है। छुट्टी के बाद आरक्षण काउंटर खुलने के पहले ही लोगों की लंबी भीड़ देखी गई। शाम को आलम यह था कि प्लेटफॉर्म क्रमांक एक व दो पर पांव रखने तक की जगह नहीं थी। यात्रियों की भीड़ को देखते हुए आरपीएफ व जीआरपी जवानों को प्लेटफॉर्म पर तैनात किया गया, ताकि भीड़ अनियंत्रित नहीं हो। इसके साथ ही सीसीटीवी के माध्यम से प्लेटफॉर्म व सकुर्लेटिंग एरिया में संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी। दो दिन पहले तक ट्रेनें खाली जा रही थी। लेकिन होली का पर्व खत्म होते ही ट्रेनों में भीड़ उमडऩे लगी है। खासकर दिल्ली, मुंबई एवं पंजाब की ओर जाने वाली ट्रेनों के सामान्य बोगी में पैर रखने तक की जगह नहीं मिल रही है। आरक्षण नहीं मिलने पर लोग सामान्य बोगी में किसी तरह सवार हो रहे हैं। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तत्काल टिकट की सीटें एक मिनट से लेकर 3 मिनट तक में भर गईं। होली पर घर आने वाले ऐसे लोग जिन्होंने पहले से वापसी का आरक्षण नहीं करवाया था, ट्रेन में जगह के लिए धक्के खाने पड़े। प्रतिदिन चलने वाली ट्रेनों में अतिरिक्त कोच की गुंजाइश खत्म होने से भी बड़ी संख्या में वेटिंग के यात्री निराश हुए। सबसे ज्यादा भीड़ दिल्ली और भोपाल के लिए रही। इन शहरों के बीच दर्जनों ट्रेन चलने के बावजूद यात्रियों को जगह नहीं मिल सकी।
आरक्षित कोचों का था सामान्य जैसा हाल
दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, अमृतसर, आदि शहरों की ओर जाने वाली नियमित ट्रेनों में दो माह पहले से बर्थ बुक हो गये थे। इन शहरों से ग्वालियर आने वाले लोग जैसे-तैसे घर पहुंचे, अब होली खत्म होने के बाद लौटने के लिए हजारों की संख्या में यात्री वेटिंग टिकट लेकर यात्रा करने को मजबूर है। ताज एक्सप्रेस व झेलम एक्सप्रेस की आरक्षित बोगी का नजारा सामान्य बोगी जैसा हो गया था। हालांकि, ट्रेन में सवार होते समय यात्रियों के बीच अफरा-तफरी नहीं हो, इसको लेकर प्लेटफॉर्म पर ट्रेन आते ही आरपीएफ जवान तैनात थे। वहीं, जनरल डिब्बे में भी एक-एक कर यात्रियों को चढ़ाया जा रहा था।
तत्काल आरक्षण का भी उपाय नहीं
तत्काल आरक्षण लेने के लिए आरक्षण काउंटर पर सुबह से भीड़ उमडऩे लगी है। काउंटर खुलने के पांच छह घंटे पूर्व ही लोग तत्काल आरक्षण के लिए अपना नंबर लगा रहे हैं। फिर ही तत्काल आरक्षित टिकट लेना आसान नहीं है।