कोरोना महामारी : अनाथों का नाथ बना शासन / प्रशासन

Update: 2021-07-30 09:07 GMT

राजगढ़/श्याम चौरसिया। 20 अबोध अनाथों का नाथ शासन/प्रशासन के बनते ही अनाथों का मनोबल ओर आत्म विश्वास सतपुड़ा चूमने लगा।उन्हें लगा अब वे अकेले नही है। उनके उज्ज्वल भविष्य के निर्माण का जिम्मा सरकार ने उठा लिया। सरकार अब उनके आवास,भोजन,शिक्षा, उच्च शिक्षा के लिए माकूल प्रबंध, योग्यता के अनुसार रोजगार की चिता करेगी। इसके लिए बाकायदा प्रदेश के हर जिला प्रशासन को हिदायत दी जा चुकी है। उसी कड़ी में राजगढ़ कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कॅरोना काल मे माता पिता खो चुके बच्चो को राजगढ़ आमंत्रित किया। उनके साथ सार्थक संवाद किया। उनका मनोबल बढ़ाने के लिए बाल कल्याण योजना के तहत सरकार की ओर से दी जाने वाली सौगातों का विस्तार से उल्लेख किया।

कलेक्टर ने बड़े भाई की भूमिका में नन्हे नन्हे बच्चो से किसी भी मुसीबत या प्रतिकूलता में पढ़ाई न त्यागने का अनुरोध किया। अब रामेश्वर को अपनी 03 बहनों – सविता, पार्वती, निर्मला के लालन-पालन और शिक्षा की चिता नही रही। जीपपुर के ग्राम कोडक्या की दीपिका को प्राथमिकता के आधार पर 12 पास करते ही नर्सिंग की ट्रेनिग का रास्ता साफ हो गया। सारंगपुर की दीपिका की दादी अपनी पोती को 03 किलोमीटर दूर स्कूल भेजने में असुविधा जताई।नतीजन पास के स्कूल में भर्ती कराने का फर्मान दिया।

सुठालिया का रेहान एमजी कान्वेंट स्कूल से टीसी निकलवाने के बाद अब ब्यावरा के स्कूल में पढ़ सकेगा। अनाथों की चल-अचल संपत्ति को सुरक्षित करवाने के लिए कलेक्टर ने महिला बाल विकास अधिकसरी चन्द्र सेना भिड़े को निर्देशित किया।श्रीमती भिड़े बैंकों में जमा राशि मृतको की संतानों के हक में सुरक्षित किए जाने के लिए जरूरी कदम उठाएगी।फिक्स डिपाजिट करवाएंगी।अचल सम्पति मृतको के बच्चो को ही मिले। इसके लिए राजस्व विभाग को निर्देशित किया।


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