श्योपुर जिलाधीश बोले - मैदानी कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों के रिश्तेदार कौन-कौन हैं हाथ खड़ा करें, यह सुन 15 डीएम फेलो बाहर चले गए
डीएम फेलो की बैठक के दौरान जिलाधीश ने कही यह बात
श्योपुर। मुझे चौथी आंख अखबार की ख़बर से पता चला है कि डीएम फेलो में मैदानी कर्मचारियों एवं जनप्रतिनिधियों के रिश्तेदार और परचित लोग भी हैं। इसकी समीक्षा मैं ख़ुद करूंगा। मुझे समीक्षा के दौरान पता चल जाएगा। इसलिए जितने भी ऐसे लोग हैं वे हाथ खड़ा कर दें। इसके बाद 7-8 लोगों ने हाथ खड़े किए और 15 डीएम फेलो बाहर चले गए। यह बात जिलाधीश संजय कुमार ने डीएम फेलो की बैठक के दौरान कही। दरअसल स्वदेश ने इस मामले का खुलासा किया था। इसके बाद जिलाधीश ने इसे संज्ञान में लिया। बता दें कि 236 में से 198 डीएम फेलो कहीं न कही मैदानी कर्मचारी और सरपंचों के परिजन व परिचित हैं।
जिलाधीश ने कहा डीएम फेलो के रूप में चिन्हित किए गए ऐसे लोग जो कि मैदानी कर्मचारियों एवं जनप्रतिनिधियों के रिश्तेदार हैं, वे अपने आप को इस मुहिम से अलग कर लें। इसके साथ ही उन्होंने सीईओ जनपद पंचायत एसएस भटनागर, अभिषेक त्रिवेदी को निर्देश दिए कि ऐसे लोगों को स्कूटनी कर अलग किया जाए तथा उनके स्थान पर तटस्थ भूमिका निभाने वाले लोगों को शामिल किया जाए। जिलाधीश संजय कुमार निषादराज भवन श्योपुर में आयोजित विकासखण्ड श्योपुर तथा कराहल की पंचायतों में तीसरी आंख के रूप में नियुक्त डीएम फेलो की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अच्छे मन से सेवा की भावना रखने वाले लोग इस भूमिका से जुड़ें, गलत इरादे के साथ इस मुहिम से ना जुड़ें, गांव के विकास की भावना, लोगों की भलाई करने के उद्देश्य से अपने गांव के मददगार बने। उन्होंने कहा कि मंशा यह है कि जिस भी मैदानी कर्मचारी एवं अधिकारी को जो दायित्व अपनी ड्यूटी के लिए मिला है, उसका निर्वहन वह जिम्मेदारी से करें, गांव में जिनकी जो पात्रता है, उसका लाभ उन ग्रामीणों को आसानी से मिले। शासन की मंशा के अनुसार उनके काम आसानी से हो जाएं इसी उद्देश्य से डीएम फेलो नियुक्त किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि डीएम फेलो विन्रमता के साथ अपना कार्य करें, कमियां होने या किसी कर्मचारी के द्वारा काम में लेट लतीफी करने, गांव में नही आने से संबंधित जानकारी, फोटो, वीडियो बनाकर ग्रुप पर डालें जिससे उनका फॉलोअप करते हुए तत्काल कार्य कराया जा सके। उन्होंने बताया कि आपके माध्यम से प्राप्त जानकारी का सत्यापन संबंधित विभाग से कराया जाकर संबंधित पर कार्यवाही भी की जाएगी। यदि जानकारी गलत पाई गई तो डीएम फेलो को इस कार्य से मुक्त कर दिया जाएगा, उन्होने स्पष्ट किया कि यह कोई नौकरी नहीं है। उन्होंने कहा है कोई कर्मचारी गांव में अच्छा कार्य कर रहा है तो उसकी जानकारी भी दें, जिससे विभिन्न अवसरों पर उन्हें सम्मानित किया जा सके। डीएम फेलो को जिला प्रशासन की ओर से एक आईडी भी दी जायेगी। बैठक में श्योपुर जनपद में 96 में से 49 और कराहल के 42 डीएम फेलो उपस्थित थे।