Justice Yashwant Verma: जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ FIR की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने इन-हाउस इंक्वायरी का हवाला देते हुए किया इंकार

Supreme Court
Justice Yashwant Verma Cash Scandal : नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई की। जस्टिस अभय ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां मामले की सुनवाई कर रहे थे।
इस याचिका में मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित करने के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के फैसले को भी चुनौती दी गई थी।
जस्टिस ओका ने कहा - हमने आपकी प्रार्थनाएं देखी हैं। एक बार इन-हाउस जांच पूरी हो जाने के बाद सभी तरह के संसाधन खुले हैं। अगर जरूरत पड़ी तो सीजेआई एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दे सकते हैं। हमें आज इस पर क्यों विचार करना चाहिए?
याचिकाकर्ता ने जब कहा कि, जांच करना कोर्ट का काम नहीं है।
तो जस्टिस ओका ने कहा - इन-हाउस जांच रिपोर्ट के आधार पर सभी विकल्प खुले हैं।
याचिकाकर्ता ने अदालत के सामने कहा - आम आदमी एक ही सवाल पूछता रहता है। 14 मार्च को एफआईआर क्यों दर्ज नहीं की गई? पैसे जब्त क्यों नहीं किए गए? फायर चीफ ने ऐसा क्यों कहा कि कोई नकदी बरामद नहीं हुई?
जस्टिस ओका ने कहा - आज ऐसा दिन नहीं है कि हम इस स्तर पर हस्तक्षेप कर सकें। इसके लिए तंत्र निर्धारित करने वाले दो या तीन फैसले हैं। इसलिए यदि आप आम आदमी का प्रतिनिधित्व करते हैं तो किसी को कमांड मैन को शिक्षित करना होगा।
अदालत के आदेश में कहा गया है कि, 'जहां तक न्यायाधीश के बारे में शिकायत का सवाल है, जहां तक सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट से देखा जा सकता है, इन-हाउस प्रक्रिया चल रही है। जांच पूरी होने के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश के पास कई विकल्प खुले रहेंगे।
इसलिए इस स्तर पर इस रिट याचिका पर विचार करना उचित नहीं होगा। इस न्यायालय के कुछ निर्णयों के विरुद्ध व्यापक प्रार्थनाएं हैं। हमारे अनुसार इस समय उस पहलू पर विचार करना आवश्यक नहीं है।'