यशवंत वर्मा का ट्रांसफर नहीं, FIR हो: मांग लेकर CJI से मिलने पहुंचे लखनऊ, जबलपुर बेंच के बार एसोसिएशन अध्यक्ष

CJI से मिलने पहुंचे लखनऊ, जबलपुर बेंच के बार एसोसिएशन अध्यक्ष
नई दिल्ली। जस्टिस यशवंत वर्मा के मुद्दे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट, लखनऊ बेंच, गुजरात, कर्नाटक और मध्य प्रदेश की जबलपुर बेंच के बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और अन्य वरिष्ठ न्यायाधीशों से मिलने सुप्रीम कोर्ट आए हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी का कहना है कि जस्टिस वर्मा को किसी अन्य हाईकोर्ट में स्थानांतरित नहीं किया जाना चाहिए और तुरंत एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ इन-हाउस जांच प्रक्रिया शुरू की है। जस्टिस यशवंत वर्मा के घर चार बोरी में जले हुए नोट बरामद हुए थे । सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से रिपोर्ट मांगी थी। जज के घर में आग लगने की वजह से अनजाने में बेहिसाब नकदी बरामद हुई थी।
यह घटना 14 मार्च, 2025 को होली की छुट्टियों के दौरान सामने आई थी जब उनके सरकारी बंगले में आग लग गई थी। उस समय न्यायमूर्ति वर्मा मौजूद नहीं थे और उनके परिवार के सदस्यों ने आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड को बुलाया था।
अधिकारियों को नकदी का एक बड़ा भंडार मिला :
आग पर काबू पाने के दौरान, अधिकारियों को नकदी का एक बड़ा भंडार मिला, जिसके स्रोत के बारे में अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से त्वरित कार्रवाई की। 20 मार्च, 2025 को कॉलेजियम ने बैठक की और सर्वसम्मति से न्यायमूर्ति वर्मा को उनके मूल न्यायालय, इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वापस स्थानांतरित करने का निर्णय लिया। उन्होंने अक्टूबर 2021 में दिल्ली उच्च न्यायालय में शामिल होने से पहले वहां सेवा की थी।
कॉलेजियम के कुछ सदस्यों ने कथित तौर पर तर्क दिया कि केवल स्थानांतरण पर्याप्त नहीं था, उन्होंने प्रस्ताव दिया कि न्यायमूर्ति वर्मा को इस्तीफा देने के लिए कहा जाए या न्यायिक कदाचार पर सुप्रीम कोर्ट के 1999 के दिशानिर्देशों के अनुसार इन-हाउस जांच की जाए।