Year Ender 2024: विनेश को मिला गोल्ड तो गुकेश ने रचा इतिहास, जानिए खेल जगत की प्रमुख घटनाएं

Update: 2024-12-30 16:56 GMT

Year Ender 2024: वर्ष 2024 भारतीय खेलों के लिए यादगार साबित हुआ, जिसने क्रिकेट विश्व कप, छह ओलंपिक पदक और दो शतरंज विश्व चैंपियन जैसे अभूतपूर्व मुकाम हासिल किए। इसने भारतीय खेल प्रशंसकों को कई कारणों से जश्न मनाने के मौके दिए और देश के खेल भविष्य को और उज्जवल बना दिया। हालांकि, कुछ तारीखें विशेष रूप से याद की जाएंगी, जैसे 29 जून, 30 जुलाई, 12 दिसंबर और 28 दिसंबर, जब देश ने ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हासिल कीं। विशेष रूप से, 2036 ओलंपिक की मेज़बानी के लिए औपचारिक आशय पत्र सौंपने का कदम भारत के खेल परिदृश्य को पूरी तरह से बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

टीम इंडिया ने तोड़ा आईसीसी खिताब का लंबा इंतजार

29 जून की गर्म और उमस भरी शाम को बारबाडोस में, रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम ने एक दशक से भी ज्यादा समय से चले आ रहे आईसीसी टूर्नामेंटों के नॉकआउट में बाहर होने के निराशाजनक दौर को समाप्त करते हुए टी20 विश्व कप जीतने में सफलता हासिल की। यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक और बेहद महत्वपूर्ण जीत थी।

ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने झंडा किया बुलंद

भारतीय क्रिकेट टीम की शानदार सफलता के महज एक महीने बाद, 30 जुलाई को पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर ने इतिहास रचते हुए आज़ादी के बाद किसी ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल किया। वहीं, तोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा को पेरिस ओलंपिक में रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

भारत को नीरज चोपड़ा से स्वर्ण की उम्मीद थी, लेकिन वह पाकिस्तान के अरशद नदीम से हार गए, जिन्होंने ओलंपिक खेलों के 16 साल पुराने रिकॉर्ड को दो बार तोड़कर अपनी धाक जमाई। पेरिस ओलंपिक में भारत एक बार फिर स्वर्ण से चूक गया, और अंत में छह पदक (एक रजत और पांच कांस्य) के साथ 206 देशों में 71वें स्थान पर रहा।

भारत 2024 पेरिस ओलंपिक में दोहरे अंक में पदक जीतने के लक्ष्य के साथ गया था, लेकिन उसे तोक्यो ओलंपिक की बराबरी भी नहीं मिल पाई, जहां भारत ने सात पदक, जिसमें एक स्वर्ण भी था, जीते थे। इस बार छह पदक जीतने के बावजूद छह चौथे स्थानों का दर्द भी रहा, जो भारतीय खेल प्रशंसकों के लिए दिल तोड़ने वाला था। वहीं विनेश

इस बार भारत ओलंपिक में एक महत्वपूर्ण पदक से चूक गया, जो शायद स्वर्ण पदक भी हो सकता था, और वह था कुश्ती में विनेश फोगाट का पदक। दरअसल, उन्हें केवल 100 ग्राम अधिक वजन के कारण स्वर्ण पदक के मुकाबले से पहले ही अयोग्य घोषित कर दिया गया था। हालांकि, विनेश फोगाट ने एक अहम उपलब्धि हासिल की, क्योंकि वह ओलंपिक में कुश्ती के फाइनल तक पहुंचने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बनीं। 6 अगस्त को उन्होंने एक ही दिन में तीन मुकाबले जीतकर इतिहास रच दिया था। वहीं खाप पंचायत ने विनेश फोगाट को गोल्ड मेडल दिया था। 

शतरंज में भारत का दबदबा

पिछले चार महीनों में शतरंज के मैदान ने भारत के लिए खुशियों की सौगात दी। सितंबर में, भारतीय पुरुष और महिला शतरंज टीमों ने ओलंपियाड में पहली बार स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा। दिसंबर में, शतरंज के सितारे डी. गुकेश और कोनेरू हम्पी ने अपनी अद्वितीय उपलब्धियों से खेल जगत को हैरान कर दिया। 18 वर्षीय गुकेश ने 12 दिसंबर को चीन के डिंग लिरेन को हराकर सबसे कम उम्र के शतरंज विश्व चैंपियन बनने का रिकॉर्ड बनाया, जबकि 37 वर्षीय हम्पी ने 28 दिसंबर को महिलाओं का रैपिड शतरंज विश्व खिताब जीतकर अपने करियर में दूसरी बार यह उपलब्धि हासिल की।

हॉकी टीम ने रचा इतिहास, जीता कांस्य पदक

पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि रही पुरुष हॉकी टीम द्वारा लगातार दूसरे ओलंपिक में कांस्य पदक जीतना। हालांकि, कुछ अवसरों पर चूक भी हुई, जो आने वाले समय में याद रहेगी। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत को खेलों में महाशक्ति बनने के लिए अभी बहुत कुछ हासिल करना बाकी है।

वहीं, पेरिस पैरालिंपिक में भारतीय पैरा खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया, जबकि अनुभवी टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना ने 44 वर्ष की उम्र में ऑस्ट्रेलियाई ओपन में पुरुष युगल खिताब जीतकर खेल जगत पर अपनी अमिट छाप छोड़ी।

पैरालंपिक में भारत की ऐतिहासिक सफलता, शिखर पर छाया देश

वर्ष 2024 भारतीय खेलों के लिए ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा हुआ रहा। भारत ने पैरालंपिक खेलों में कुल 29 पदक जीते, जिसमें सात स्वर्ण, नौ रजत और 13 कांस्य शामिल हैं, और पदक तालिका में 18वां स्थान हासिल किया। इस उपलब्धि में अवनी लेखरा, सुमित अंतिल, मरियप्पन थंगावेलु, शीतल देवी, नितेश कुमार, प्रवीण कुमार, नवदीप सिंह, हरविंदर सिंह और धरमबीर जैसे पैरा एथलीटों का योगदान शानदार रहा, जिन्होंने अपने अभूतपूर्व प्रदर्शन से नए नायक बनकर देश का नाम रोशन किया। इसके अलावा, भारतीय महिला टेबल टेनिस टीम ने भी कजाकिस्तान के अस्ताना में आयोजित एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा। इस टीम में मनिका बत्रा, श्रीजा अकुला, अयहिका मुखर्जी, सुतीर्था मुखर्जी और दीया चितले का योगदान अहम रहा।

2024 को भारतीय खेलों के लिए याद किया जाएगा, जहां क्रिकेट टीम, ओलंपिक, पैरालिंपिक, शतरंज ओलंपियाड और फिडे विश्व चैंपियनशिप में मिली सफलता ने देश का खेल परिदृश्य बदल दिया।

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