धरती दिवस पर विशेष : क्या आप जानते है कितने पेड़ों के कटने पर बनता है एक टिशू रोल

  • रेणु साँखला

Update: 2023-04-22 10:09 GMT

वेबडेस्क।  आप अपनी जीवन शैली में थोड़ा सा परिवर्तन कीजिए ताकि हम पानी और पेड़ों कि रक्षा कर धरती मां को संरक्षित करके आने वाले कल को गुलज़ार कर सके। आप कहेंगे हम सब जानते हैं, पर मैं आज आपका ध्यान उस ओर ले जा रही हूं ,जिनका प्रयोग हमारी आदत बन गई है या स्टेस्ट्स सिम्बल यह जानते हुए भी की आने वाले 100 वर्षो में यदि इसी गति से इनका प्रयोग (दुरुपयोग) करते रहे तो हमारा सर्वाइवल असम्भव हो जाएगा। दूसरे शब्दों में कहें तो जानबूझ कर अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहें हैं।

ये कारक हैं - 

 Disposal Plastic filled water bottles-

हम में से अधिकांशतः लोग थोड़ा सा पानी पीकर remaining water filled bottles ( विशेषकर functions और parties में) छोड़ते हैं और नई लेते रहते हैं। बहुत ही कम लोग पानी बची हुई बोतल को साथ रखते हैं । हमेशा अपने साथ अपनी पानी की बोतल रखें और बदले मे पाएं पानी की बर्बादी और प्रदूषण 0% और 100% हाइजीन रहती है। /

Tissue papers का प्रयोग सीमित या नहीं करे-

वो टिशू  जो हम उपयोग तो बहुत करते है पर बर्बाद उससे ज़्यादा । पर क्या आप जानते हैं? हम प्रति दिन जो टिशू उपयोग कर रहें हैं उसके लिए प्रति दिन 27000 पेड़ कटते है, अर्थात एक वर्ष में लगभग एक "करोड़ " वो भी ताजा पेड़ क्योंकि टिशू की मांग  है और मुलायम और मुलायम और इस मुलायमता की वजह से  रिसाइकिलिड पेपर का प्रयोग कम और पेड़ों का कटना अधिक हो गया है।

दुष्परिणाम -

पेड़ों और पानी की अधिक बर्बादी मुलायम टिशू करे भरे पेड़ के कटने से बनते हैं।”एक टिशू रोल बनाने में 37 गैलन्स पानी का प्रयोग होता है ।

बदलाव - 

हमेशा अपने साथ रुमाल रखिए। गीले टिशू का प्रयोग ना कीजिए। ऐसी जगह जहां टिशू का प्रयोग ज्यादा होता है वहां छोटे नैपकिन्स रखिए जैसे कार, डाइनिंग टेबल, स्कूटर, रसोई घर, ऑफिस स्पेस, टॉयलेट्स,bags, लंच बॉक्स और पर्स आदि  जब कोई ऑप्शन नहीं हो तभी टिशू का प्रयोग करे वो भी मित्तव्यता से। हाथ हमेशा पानी से धोएं क्यों कि, टीशू बनने में पानी ज्यादा लगता है साथ में पेड़ भी कटते हैं।हम 15 से 20 वर्ष पूर्व भी तो टिशू  और बोतल के बिना बहुत अच्छी तरह रह रहे थे ,फिर अब क्यों नहीं?आज South Africa की राजधानी केपटाउन  का ज्वलंत उदाहरण सामने है। जिसे दुनिया का प्रथम "जल मुक्त शहर "घोषित किया गया है। दुनिया कि यह दुखद यात्रा किसी भी समय किसी के पास आ सकती है ।अतः आज धरती दिवस पर शपथ लें कि, पानी बर्बाद नहीं करेंगे अपनी पानी की बोतल  हमेशा अपने साथ रखेंगे। टिशुस का प्रयोग नहीं करेंगे या सीमित करेंगे।। 

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