छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: कवासी लखमा की रिमांड 4 मार्च तक बढ़ी, विधानसभा सत्र में भाग लेने की मांगी थी अनुमति

Update: 2025-02-19 04:47 GMT

Kawasi Lakhma 

Kawasi Lakhma Remand Extended till March 4 : रायपुर। छत्तीसगढ़ में 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में गिरफ्तार पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की स्पेशल कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनकी पेशी हुई, जहां कोर्ट ने उनकी न्यायिक रिमांड 4 मार्च तक बढ़ा दी।

सुनवाई के दौरान लखमा ने विधानसभा सत्र में भाग लेने की अनुमति मांगी। उन्होंने तर्क दिया कि छत्तीसगढ़ के लोगों से जुड़ी महत्वपूर्ण समस्याओं को वह विधानसभा में उठाना चाहते हैं। इसके लिए उनके वकील फैजल रिजवी ने कोर्ट में औपचारिक आवेदन प्रस्तुत किया।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस पर आपत्ति जताई। ED के वकील सौरभ पांडे ने कहा कि अगर विधानसभा में कोई अहम वोटिंग या प्रश्नोत्तर सत्र हो, तो इसकी जानकारी देनी चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने यह भी तर्क किया कि राज्यपाल की तरफ से लखमा को सत्र में भाग लेने के लिए कोई आधिकारिक पत्र नहीं भेजा गया है, इसलिए उन्हें अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने इस पर निर्णय 20 फरवरी को सुरक्षित रख लिया है।

इस घोटाले की जांच में सामने आया है कि छत्तीसगढ़ में शराब बिक्री के मामले में पैसों का बड़े पैमाने पर लेन-देन और अनियमितताएं हुईं। ED ने इस मामले में कई बड़े अधिकारियों, नेताओं और कारोबारियों के नाम उजागर किए हैं। 15 जनवरी को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद से उनकी न्यायिक रिमांड बढ़ाई जाती रही है।

2017 में छत्तीसगढ़ में शराब बिक्री नीति में बदलाव हुआ था, जिसके बाद 2019 में एक आपराधिक सिंडिकेट के जरिए 2161 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ। इस मामले में पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा, और तत्कालीन सीएम सचिवालय की उपसचिव सौम्या चौरसिया जैसे नाम शामिल हैं।

शराब घोटाले में संलिप्त प्रमुख लोग

ED ने 18 नवंबर 2022 को पीएमएलए एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था और चार्जशीट में घोटाले के पूरे नेटवर्क को उजागर किया। इस घोटाले में करीब 70 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें प्रमुख नाम हैं: अनिल टुटेजा (पूर्व संयुक्त सचिव, छत्तीसगढ़ सरकार), अनवर ढेबर (रायपुर महापौर के भाई), कवासी लखमा (पूर्व आबकारी मंत्री), और अरुणपति त्रिपाठी (CSMCL के पूर्व प्रबंध संचालक)।

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