मुर्शिदाबाद में चप्पे - चप्पे पर केंद्रीय बल की तैनाती: कलकत्ता उच्च न्यायालय बोला - बर्बरता की खबरें नजरअंदाज नहीं कर सकते

Murshidabad violence
Murshidabad violence : पश्चिम बंगाल। मुर्शिदाबादमें इस समय शांति का माहौल है। कम ही लोग घरों के बाहर निकल रहे हैं। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद चप्पे - चप्पे पर केंद्रीय सुरक्षा बल की तैनाती कर दी गई है। वक्फ कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन के बाद अदालत ने मामले पर संज्ञान लिया था। इस मामले पर डीजीपी ने भी पुलिस अधिकारियों से मीटिंग कर जरुरी दिशा - निर्देश दिए हैं।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शनिवार को कहा था कि, वह पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों में हुई बर्बरता की खबरों को नजरअंदाज नहीं कर सकता। यह कहते हुए अदालत ने मुर्शिदाबाद जिले में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती का आदेश दिया था, जो कथित तौर पर वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों से जुड़ी हिंसा से प्रभावित है।
अदालत ने यह भी कहा था कि, यह निर्देश केवल मुर्शिदाबाद जिले तक सीमित नहीं रहेगा तथा "आवश्यकतानुसार इसे ऐसी ही स्थिति का सामना करने वाले अन्य जिलों तक भी बढ़ाया जाना चाहिए" तथा स्थिति को नियंत्रित करने तथा सामान्य स्थिति लाने के लिए तत्काल केंद्रीय बलों की तैनाती की जा सकती है। न्यायमूर्ति सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा, "हम विभिन्न रिपोर्टों को नजरअंदाज नहीं कर सकते, जो प्रथम दृष्टया पश्चिम बंगाल राज्य के कुछ जिलों में बर्बरता दिखाती हैं।"
टीएमसी का आरोप : हिंसा के लिए केंद्र जिम्मेदार
मुर्शिदाबाद हिंसा पर टीएमसी नेता मदन मित्रा ने कहा, "यह हिंसा पूरे देश में हुई, सिर्फ़ बंगाल में नहीं। इस स्थिति के लिए केंद्र ज़िम्मेदार है। केंद्र ने वक्फ अधिनियम को जबरन लागू किया। देश में हुई सभी हिंसा के लिए पीएम मोदी, अमित शाह और सीएम योगी ज़िम्मेदार होंगे।" पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ़ चल रहे विरोध प्रदर्शन से जुड़ी झड़पों के बाद पिता-पुत्र सहित तीन लोगों की मौत हो गई थी। यहां बीएसएफ की पांच कंपनियां तैनात हैं।