जनसंख्या नियंत्रण अभियान को चुनौती: बालाघाट में महिला ने 10वें बच्चे को दिया जन्म, नसबंदी के लिए मांग रहे अनुमति
Woman gave Birth to her 10th Child in Balaghat : बालाघाट। देशभर में सरकार जनसंख्या नियंत्रण को लेकर लगातार जागरूकता अभियान चला रही है, जिसके तहत लोगों को परिवार नियोजन (Family Planning) और जनसंख्या नियंत्रण के महत्व के बारे में बताया जा रहा है। बावजूद इसके, मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले से एक मामला सामने आया है, जो इन जागरूकता अभियानों को चुनौती देता है। बालाघाट जिला अस्पताल में एक आदिवासी महिला ने 40 साल की उम्र में अपने दसवें बच्चे को जन्म दिया है।
सीजेरियन ऑपरेशन से दसवें बच्चे का जन्म
बैगा जनजाति (Baiga Tribe) की 40 साल की महिला ने सीजेरियन ऑपरेशन (Caesarean Operation) से अपने दसवें बच्चे को जन्म दिया। महिला के पति, दसरू ने बताया कि अब तक उनकी 10 संतानें हो चुकी हैं, जिनमें से 8 जीवित हैं। इन 8 बच्चों में चार बेटे और चार बेटियां शामिल हैं। हालांकि, महिला का परिवार आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहा है, क्योंकि मजदूरी करने वाले दसरू का कहना है कि परिवार के पालन-पोषण में कई कठिनाइयां आ रही हैं।
नसबंदी करवाना चाहते हैं लेकिन...
दसरू ने बताया कि उनके गांव में बैगा समुदाय (Baiga Community) के मात्र चार परिवार रहते हैं। परिवार नियोजन के लिए वे इच्छुक हैं, लेकिन नियमों के कारण वे इसे लागू नहीं कर पा रहे हैं। वे नसबंदी (Sterilization) करवाना चाहते हैं, लेकिन बैगा जनजाति की आबादी की रक्षा के लिए नसबंदी की अनुमति नहीं मिल रही है, जिससे परिवार को आर्थिक और सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
नसबंदी के नियम
दरअसल, बैगा जनजाति की आबादी में कमी के कारण सरकार ने 1979 में बैगा समुदाय के लोगों के लिए नसबंदी पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, बाद में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने इस कानून को निरस्त कर दिया। जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. निलय जैन के अनुसार, बैगा समुदाय के पुरुष और महिलाओं की नसबंदी के लिए प्रशासन से अनुमति लेना होती है, और इसमें कई कानूनी प्रावधानों का पालन करना पड़ता है।
कलेक्टर से अनुमति प्राप्त करना होगा
सीएचएमओ डॉ. मनोज पांडेय ने बताया कि बैगा और अन्य विशेष समुदायों की महिलाओं की नसबंदी की प्रक्रिया में कलेक्टर से अनुमति प्राप्त करनी होती है। इस प्रक्रिया में एसडीएम को भी शामिल किया जाता है। यदि महिला स्वेच्छा से नसबंदी करवाना चाहती है, तो इसे प्रशासनिक स्वीकृति के बाद किया जा सकता है।