हज सब्सिडी खत्म होने के बाद भी 'हज 2019' होगी अब तक की सबसे सस्ती यात्रा
हज कमेटी पानी के जहाज से हजयात्रा के लिए प्रयासरत, हज-2020 के लिए यात्रा हो जाएगी संभव अल्पसंख्यक मंत्रालय के जरिए इस वर्ष दो लाख से अधिक अल्पसंख्यक छात्राओं को दी गई छात्रवृत्ति;
नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज मुंबई में हज यात्रा 2019 के लिए चयनित होने वाले सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ किया । इस अवसर पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश थी कि हज यात्रा 2019 के लिए पानी के जहाज से यात्रा शुरू की जाए लेकिन इस बार यह संभव नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि हमने अगली हज यात्रा के लिए दोबारा से ग्लोबल टेंडर जारी किया है और उम्मीद है कि हज-2020 के लिए पानी की जहाज से यात्रा संभव हो जाएगी।
नकवी ने कहा कि हज कमेटी ऑफ इंडिया की तरफ से हर साल सऊदी अरब में भारतीय हज यात्रियों की सेवा के लिए सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को सऊदी अरब भेजा जाता है। ऐसा देखा गया है कि कई अधिकारी व कर्मचारी बार-बार इसका फायदा उठा रहे हैं। इसलिए इस बार हमने ऐसे तमाम लोगों को रोकने की कोशिश की है और उसमें हमें कामयाबी भी मिली है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि हमारी सरकार पर बार-बार यह आरोप लगता है कि हमने समय से पहले हज सब्सिडी खत्म कर दी है। उन्होंने कहा कि भारतीय मुसलमानों पर यह काला दाग था जिसे हमने धोने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि हज सब्सिडी खत्म होने के बाद हमने हज को महंगा होने से रोकने की कोशिश की है। हज 2019 अब तक का सबसे सस्ता हज साबित होने वाला है। जीएसटी काउंसिल ने हज यात्रा पर लगी 18 प्रतिशत की जीएसटी को कम करके 5 प्रतिशत करने का फैसला लिया है जिसकी वजह से इस बार कई इम्बारकेशन प्वाइंट से हजयात्रा पर जाने वाले यात्रियों को 11 हजार से 13 हजार कम किराया देना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि सऊदी अरब सरकार से हुए समझौते के अनुसार हमें 50 फीसद सीटें सऊदी एयरलाइंस को देनी पड़ती हैं। बाकी 50 फीसद सीटें एयर इंडिया के जिम्मे होती हैं। इसके लिए ग्लोबल टेंडर ही किया जाता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के बजट में अल्पसंख्यक मंत्रालय को जो पैसा दिया गया है, वह पिछले साल से अधिक है। उन्होंने कहा कि मौलाना आजाद फाउंडेशन या और दूसरे अल्पसंख्यक संस्थानों के बजट कम किए जाने की बात कही जा रही है जबकि यह गलत है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष मौलाना आजाद फाउंडेशन के जरिए देश भर की 2 लाख से अधिक अल्पसंख्यक बच्चियों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई है, जो कि एक रिकॉर्ड है।