नई दिल्ली। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह सेक्युलर हैं लेकिन वह दूसरे का मुखौटा बन रहे हैं। रावत ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह सन् 1980 से हमसे जुड़े हुए हैं। बड़े भारी मन से यह कहना पड़ रहा है कि वह कुछ लोगों के उकसाने पर अलग कदम बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमरिन्दर सिंह कांग्रेस में और बाहर भी रहे। उन्होंने सेक्युलरिज्म को हमेशा माना है। हाल ही में गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के कुछ नेताओं से उनकी नजदीकी सामने आई है। वह उनके जीवन भर की पूंजी पर सेक्युलर प्रश्न चिन्ह खड़ा करेगी।
अमरिंदर सिंह दबाव में -
हरीश रावत ने कहा कि लोगों के उकसावे सैद्धान्तिक संबंध नहीं है। देश के लोगों का ध्यान भटकाने के लिए माहौल बनाया जा रहा है। पार्टी ने उन्हें हमेशा सम्मान दिया है। तीन बार पार्टी के प्रांतीय अध्यक्ष रहे और दो बार मुख्यमंत्री रहे। उनकी तुलना में दूसरे वरिष्ठ नेता को कम अवसर मिल पाए।पंजाब कांग्रेस प्रभारी ने कहा कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के बयानों से ऐसा लगता है कि वह किसी तरह के दबाव में हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बेअदबी मामले में कार्रवाई नहीं की और इसलिए विधायकों ने उन्हें हटाने का फैसला लिया। अमरिंदर सिंह के हाल-फिलहाल के बयानों से लगता है कि वह किसी तरह के दबाव में हैं।
दोबारा विचार करें -
हरीश रावत ने कहा कि अमरिन्दर सिंह को दोबारा विचार करना चाहिए। उन्हें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा की मदद नहीं करनी चाहिए। कांग्रेस ने अब तक जो भी किया है वह पंजाब में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए किया है। उन्होंने कहा कि कैप्टन पर अकाली से मिलने का आरोप लगता रहा है। पिछले दिनों के उनके बयानों से यह बात और स्पष्ट होनी लगी है। रावत ने एक सवाल पर कहा कि कांग्रेस ने पंजाब में दलित को मुख्यमंत्री बनाया है। उत्तराखंड में अपने जीवन काल में दलित मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं। वहीं नवजोत सिंह सिद्धू पर उन्होंने कहा कि बातचीत चल रही है। वह जल्द ही कांग्रेस प्रमुख से चाय पर मिलेंगे।