कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने खोली राम मंदिर आंदोलन की फाइल, 32 साल पुराने केस में कारसेवक को किया गिरफ्तार

Update: 2024-01-02 10:15 GMT

बेंगलुरु। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने राम मंदिर आंदोलन से जुड़े 32 साल पुराने मामले में एक कारसेवक को गिरफ्तार कर लिया है। ये गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई जब आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला विराजने जा रहे है। जिसे लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल है। इस गिरफ्तारी के बाद भाजपा ने राज्य भर में विरोध शुरू हो गया है।  भाजपा का कहना है की कांग्रेस जानबूझकर रामभक्तों को परेशां कर रही है। 

कारसेवक श्रीकांत पुजारी 

कर्नाटक पुलिस के अनुसार, साल 1992 में जब कारसेवक कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों से अयोध्या जा रही थी।  उस समय हुबली में दंगे हो गए थे। । इस दौरान कारसेवकों पर दंगा फैलाने, तोड़फोड़ करने और हिंसा को हवा देने का आरोप लगा था। सैंकड़ों लोगों को इस मामले में आरोपी बनाकर कई केस दर्ज किये गये हैं। कई मामले आज भी लंबित हैं। इसी से जुड़े एक मामले में उस समय 50 साल के कारसेवक श्रीकांत पुजारी को भी आरोपी बनाया गया था,उस समय उनकी उम्र करीब 20 वर्ष थी। अब 32 साल बाद इस मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया है। पुजारी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

भाजपा करेगी प्रदर्शन - 

भारतीय जनता पार्टी ने इस गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया है।  भाजपा का कहना है कि SDPI और PFI को फ्री छोड़ देने वाले जानबूझकर 31 साल बाद राम भक्त को गिरफ्तार कर रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा है कि कांग्रेस ने एक हिंदू कार्यकर्ता को 30 साल पुराने मामले में गिरफ्तार किया है। क्योंकि राम मंदिर इनकी आंखों में खटक रहा है। इसके विरोध में भाजपा कल पूरे कर्नाटक में करेगी गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी।  

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