अभाविप ने मेडिकल इंटर्न के लिए मांगा 'एक देश एक स्टाइपेंड', पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को सौंपा ज्ञापन...

यूपी में 12 हज़ार दिया जाता है स्टाइपेंड यह अन्य राज्यों की अपेक्षा में काफी कम, उप मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि गंभीरता से विचार कर छात्र हित में होगा निर्णय।

Update: 2024-07-26 11:38 GMT

लखनऊ। अभाविप ने मेडिकल इंटर्न का स्टाइपेंड बढ़ाए जाने की मांग उठाई है। इस संबंध में प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को ज्ञापन सौंपा। अभाविप के अनुसार प्रादेशिक मेडिकल संस्थान एवं चिकित्सा विद्यालयों में मेडिकल इंटर्न को उनकी आवश्यकता अनुरूप स्टाइपेंड नहीं दिया जाता है। इसे बढ़ाने को लेकर विद्यार्थी आंदोलन कर रहे हैं। अभाविप उनकी इस मांग के साथ है और इस समस्या के शीघ्र निवारण हेतु मांग करती है।

अभाविप अवध प्रांत के प्रांत सह-मंत्री रोहित सिंह ने बताया कि 17 जुलाई को भी इस विषय में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को अवगत कराया था। अभाविप 22 जुलाई से ही इस मांग को लेकर आंदोलन पर हैं। इसी कड़ी में उप मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया है। उप मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि इस पर गंभीरता से विचार कर विद्यार्थियों के हित में निर्णय लिया जाएगा। रोहित सिंह ने कहा कि अभाविप देश भर में मेडिकल छात्रों के लिए एक समान स्टाइपेंड तय किए जाने के लिए निरंतर मांग करती रही है। यूपी में मेडिकल इंटर्न को 12 हज़ार स्टाइपेंड दिया जाता है। यह अन्य राज्यों की अपेक्षा में काफी कम है।

अभाविप कानपुर प्रांत के मेडिविजन संयोजक सौरभ नायक ने कहा कि यूपी सरकार का स्टाइपेंड काफी कम है। अन्य राज्यों में 25 हज़ार स्टाइपेंड है वहीं उत्तर प्रदेश में यह 12 हज़ार है। इसके चलते मेडिकल इंटर्न को समस्या होती है। केंद्र सरकार से संबद्ध मेडिकल संस्थानों में भी यह राशि 27 हज़ार है। अभाविप ने इसी के सापेक्ष स्टाइपेंड को बढ़ाए जाने की मांग की है। प्रतिनिधिमंडल में मनीष कुमार गुप्ता, सृष्टि एवं यश चोपड़ा भी शामिल रहे।



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