नारद स्ट्रिंग केस में गिरफ्तार तृणमूल नेताओं को मिली जमानत, दिन भर चला ड्रामा

ममता बनर्जी ने दिया धरना

Update: 2021-05-17 14:15 GMT

कोलकाता।  नारदा स्टिंग मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने गिरफ्तार चारों तृणमूल नेताओं को जमानत दे दी है।  सीबीआई ने आज सुबह ममता बनर्जी की कैबिनेट के दोमंत्रियों सहित चार नेताओं को गिरफ्तार किया था।  सीबीआई की टीम ने आज सुबह सबसे पहले चेतला स्थित मंत्री फिरहाद हकीम के आवास पर गई और घर के अंदर ही उन्हें घेर लिया। सीबीआई के साथ सेंट्रल फोर्स के जवान भी थे। थोड़ी देर बाद सीबीआई हकीम को लेकर बाहर निकली और गाड़ी में बिठाकर ले गई है। इसके साथ ही राज्य में सियासत गरमा गई। हालांकि आज ही न्यायमूर्ति अनुपम मुखर्जी के नेतृत्व वाली विशेष सीबीआई अदालत ने चारों गिरफ्तार आरोपियों को जमानत दे दी। 

दरअसल, सोमवार सुबह सीबीआई की चार अलग-अलग टीमों ने सेंट्रल फोर्स के जवानों के साथ राज्य में परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम, पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी, कमरहाटी से तृणमूल के विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी के घर पहुंच कर इन चारों को गिरफ्तार कर लिया था। नेताओं की गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही तृणमूल कार्यकर्ताओं ने सीबीआई टीम की गाड़ियों को रोकने का प्रयास किया, लेकिन जांच अधिकारी चारों को लेकर निजाम पैलेस स्थित दफ्तर में पहुंच गए। इसकी सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी सीबीआई ऑफिस जा पहुंच गई और भवन की 15वीं मंजिल पर पहुंच गई, जहां चारों को अलग-अलग कमरे में रखा गया था। ममता ने इन नेताओं को छोड़ने या फिर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र के इशारे पर गैरकानूनी तरीके से उनके नेताओं की गिरफ्तारी की गई है। सीएम ने सीबीआई के डीआईजी से बात की।

सीबीआई अधिकारियों ने दिल्ली दी जानकारी -

इसी बीच मुख्यमंत्री की सीबीआई कार्यालय में मौजूदगी की जानकारी मिलने पर सैकड़ों तृणमूल कार्यकर्ता और नेता सीबीआई दफ्तर पहुंच गए। इन लोगों ने कार्यालय को चारों तरफ से घेर कर विरोध प्रदर्शन व तोड़फोड़ करने लगे। देखते ही देखते हंगामा इतना बढ़ गया कि निजाम पैलेस के सीबीआई अधिकारियों ने दिल्ली स्थित केंद्रीय मुख्यालय को फोन पर बताया कि उन्हें कैद कर लिया गया है और उनकी जान को खतरा है।

निशाने पर रहे राज्यपाल -

गिरफ्तार नेताओं ने दावा किया था कि विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति के बगैर उनकी गिरफ्तारी हुई है। हालांकि सीबीआई ने स्पष्ट कर दिया कि विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही राज्यपाल जगदीप धनखड़ से अनुमति ले ली गई थी। इसी बीच राज्यपाल ने सीबीआई दफ्तर के बाहर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के तांडव की आलोचना की और प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाया। इसकी जानकारी मिलने पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने राजभवन के गेट पर भी प्रदर्शन किया। तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने राज्यपाल की तुलना खून पीने वाले जीव से कर डाली।

मुख्यमंत्री ने खत्म किया धरना -

इधर, जब तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के हंगामे को लेकर चौतरफा आलोचना होने लगी और सीबीआई ने भी चारों की गिरफ्तारी की घोषणा की मुख्यमंत्री को बाजी पलटती दिखी और वे 4:45 बजे के करीब अपना धरना खत्म कर सीबीआई के दफ्तर से बाहर निकल गईं। उन्होंने न्यायालय की कार्यवाही पर भरोसा जताया और कहा कि जो कुछ भी न्यायालय फैसला लेगा, उस पर उन्हें भरोसा है।

तृणमूल का बयान -

इधर, अपनी पार्टी के नेताओं की गिरफ्तारी को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया है कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ की अनुमति से विधायकों की गिरफ्तारी गैरकानूनी है। पार्टी के सांसद शुभेंदु शेखर राय ने कहा है कि 09 मई को जगदीप धनखड़ ने विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति दी थी, जबकि 10 मई को फिरहाद हकीम और सुब्रत मुखर्जी ने शपथ ली थी। इसलिए भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम 2018 की धाराओं के तहत राज्यपाल इस मामले में कार्रवाई की अनुमति देने का अधिकारी नहीं हैं।

ये है मामला -

उल्लेखनीय है कि नारद न्यूज़ पोर्टल के सीईओ मैथ्यू सैमुअल ने 2004 में स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसमें तृणमूल के सांसद और विधायकों समेत 12 नेताओं और एक आईपीएस अधिकारी को पांच-पांच लाख रुपये की घूस देने का दावा किया था। इन सभी ने सैमुअल से पैसे लेकर उनकी फर्जी कंपनी के अवैध कारोबार को फैलाने में मदद का आश्वासन दिया था। सीबीआई के प्रवक्ता आरके गौड़ ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर जुलाई 2017 में इस मामले में सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की थी। आईपीएस अधिकारी एसएमएच मिर्जा के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई थी।

इसके अलावा पूछताछ के लिए राज्य के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी, पूर्व मंत्री मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर तथा एक दौर में ममता बनर्जी के खास रहे शोभन चटर्जी को भी सीबीआई की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। शोभन ममता बनर्जी का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे लेकिन विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद एकबार फिर वह पार्टी से इस्तीफा देकर ममता बनर्जी के गुणगान में जुटे हुए थे। इन नेताओं को ले जा रही सीबीआई टीम की गाड़ी के सामने तृणमूल कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया लेकिन उन्हें रोकने में सफल नहीं हुए।


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