India Canada Relation: खालिस्तानी आतंकियों और वोट बैंक ने बिगाड़े भारत और कनाडा के बीच रिश्ते, ट्रुडो के बयानों ने डाला आग में घी
India Canada Relation : भारत और कनाडा के खराब रिश्तों के भले ही जस्टिन ट्रुडो भारत को कोसे लेकिन यह समझना कोई मुश्किल बात नहीं कि, वोट बैंक की राजनीति और खालिस्तानी आतंकियों के प्रति ट्रुडो के प्रेम ने भारत को सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर किया। 2018 में खालिस्तानी आतंकी अटवाल को भारत आकर ट्रुडो ने जब डिनर पर आमंत्रित किया तभी उनकी मंशा जगजाहिर हो गई थी। अब जस्टिन ट्रुडो की बयानबाजी के चलते स्थिति यह हो गई है कि, दोनों देशों ने अपने 6 - 6 डिप्लोमेट वापस बुला लिए हैं।
इतना कुछ होने के बाद भी कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने सबक नहीं लिया है। राजनायिक सम्बन्ध टूटने के बाद जस्टिन ट्रुडो ने एक बार फिर भारत के खिलाफ बयानबाजी की है। आइए जानते हैं आखिर जस्टिन ट्रुडो ने क्या कहा।
कनाडा की धरती पर कनाडाई लोगों के खिलाफ साजिश :
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा, "भारत सरकार ने यह सोचकर बुनियादी गलती की कि वे कनाडा की धरती पर कनाडाई लोगों के खिलाफ आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं, चाहे वह हत्या हो या जबरन वसूली। यह बिल्कुल अस्वीकार्य है... RCMP ने आज सामने आकर भारतीय राजनयिकों द्वारा संदिग्ध और अवैध तरीकों से कनाडाई नागरिकों के बारे में जानकारी एकत्र करने के पैटर्न को बाधित करने का विकल्प चुना, जिसे बाद में आपराधिक संगठनों को दिया जाता था। इसके बाद वे कनाडाई लोगों के खिलाफ हिंसक कार्रवाई करेंगे। कोई भी देश, खासकर लोकतंत्र नहीं जो कानून के शासन को बनाए रखता है, अपनी संप्रभुता के इस मौलिक उल्लंघन को स्वीकार नहीं कर सकता। कनाडा भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को पूरी तरह से स्वीकार करता है और उसका सम्मान करता है, हम उम्मीद करते हैं कि भारत भी ऐसा ही करेगा और इस मामले में, उन्होंने ऐसा नहीं किया।"
जस्टिन ट्रूडो ने कहा, "यह कनाडा द्वारा कनाडा-भारत संबंधों में खटास पैदा करने के लिए किया गया निर्णय नहीं है। भारत एक महत्वपूर्ण लोकतंत्र है, एक ऐसा देश है जिसके साथ हमारे लोगों के बीच ऐतिहासिक रूप से गहरे व्यापारिक संबंध हैं, ऐसे समय में जब भू-राजनीति के इर्द-गिर्द अस्थिरता का मतलब है कि लोकतंत्रों को एक साथ रहना होगा। यही कारण है कि जब हमने खुफिया एजेंसियों के माध्यम से समझना शुरू किया कि भारत संभवतः (हरदीप सिंह) निज्जर की हत्या के पीछे था, या पिछली गर्मियों में कनाडा की धरती पर एक कनाडाई की हत्या के पीछे, तो हमारी पहली पसंद भारत सरकार से यह कहना था कि हम जानते हैं कि ऐसा हुआ है, इसे ठीक करने के लिए हमारे साथ काम करें।
निज्जर की हत्या नजरअंदाज नहीं कर सकते :
"हम इस लड़ाई में शामिल नहीं होना चाहते हैं, लेकिन जाहिर है कि कनाडा की धरती पर एक कनाडाई की हत्या ऐसी चीज नहीं है जिसे हम एक देश के रूप में नजरअंदाज कर सकते हैं। इसलिए हमने हर कदम पर भारत को अपनी जानकारी से अवगत कराया है। मैंने सीधे प्रधानमंत्री मोदी से बात की है। हमने खुफिया समकक्षों से संपर्क किया है, और दुर्भाग्य से, पिछले सितंबर में हाउस ऑफ कॉमन्स में मेरे बयान के बाद से लेकर अब तक, हर कदम पर भारत सरकार की प्रतिक्रिया सकारात्मक रही है। मुझे व्यक्तिगत रूप से नकारना, भ्रमित करना, कनाडा सरकार और उसके अधिकारियों और उसकी पुलिस एजेंसियों की ईमानदारी पर हमला करना। हमने बस इतना कहा है कि हम अपनी एजेंसियों को काम करने देंगे, खास तौर पर एजेंसियों से खुफिया जानकारी जुटाने से लेकर पुलिस जांच तक, जिसके परिणामस्वरूप एक कठोर, मजबूत और स्वतंत्र न्यायिक प्रणाली के भीतर गिरफ़्तारियाँ, मुकदमे और परिणाम सामने आते हैं।"
"हर कदम पर हमारा यही दृष्टिकोण रहा है। दरअसल, पिछले हफ़्ते जब RCMP ने भारत में अपने कानून प्रवर्तन समकक्षों से संपर्क किया, तो एक ऐसा रास्ता था जहाँ हम जवाबदेही और बदलाव और कदम सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम कर सकते थे, जिसके परिणामस्वरूप कनाडाई सुरक्षित रहेंगे क्योंकि यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारतीय सरकार ने उन अग्रिमों को अस्वीकार कर दिया और इस समस्या से निपटने के हमारे प्रयासों को भी अस्वीकार कर दिया। और इसने हमें इस बिंदु पर पहुँचा दिया कि हमें कनाडा में भारतीय राजनयिकों से लेकर आपराधिक संगठनों तक के संचालन की श्रृंखला को बाधित करना पड़ा, जो पूरे देश में कनाडाई लोगों पर सीधे हिंसक प्रभाव डालते हैं।"