मुस्लिम इलाके पर टिप्पणी कर बुरे फंसे कर्नाटक HC के जज, सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान

Update: 2024-09-20 06:02 GMT

Supreme Court

SC suo moto Action on Karnataka High Court Viral Video : कर्नाटक हाई कोर्ट के जज ने बेंगलुरु के एक मुस्लिम बहुल इलाके को पकिस्तान बताया था। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। अब इस वीडियो पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्वत: संज्ञान लिया है। जानकारी के अनुसार सीजेआई डीवाई चंद्रहुड, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की 5 जजों की बेंच ने कर्नाटक हाईकोर्ट से रिपोर्ट मांगने का आदेश पारित किया है।

ये है पूरा मामला 

दरअसल, हाईकोर्ट के जस्टिस वेदव्यासचार श्रीशानंद के दो वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है। जिसमें वे आपत्तिजनक टिप्पणी करते नजर आए। एक वीडियो में वे बेंगलुरु के एक इलाके को "पाकिस्तान" कह रहे है जबकि दूसरे वीडियो में वे एक महिला वकील पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते नजर आए है। वीडियो वायरल होने के बाद गुरूवार को एक वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह (advocate Indira Jaisingh) ने सुप्रीम कोर्ट से स्वत: संज्ञान लेने की मांग की थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार सुबह इस मामले में संज्ञान लिया है।

25 सितंबर को होगी अगली सुनवाई

CJI ने कहा कि हम कर्नाटक हाई कोर्ट के जज से अनुरोध करते हैं कि वह हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से निर्देश लेने के बाद रिपोर्ट प्रस्तुत करें। चीफ जस्टिस ने इसके लिए दो दिन का समय दिया है। रिपोर्ट सेक्रेटरी जनरल हाई कोर्ट द्वारा की जा सकती है। एजी और एसजी कोर्ट की सहायता करेंगे। अदालत इस पर दिशा निर्देश जारी करेगा। मामले में अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी।

जस्टिस श्रीशाह नंदा ने की थी यह टिप्पणी

कर्नाटक हाई कोर्ट के जस्टिस श्रीशानंद ने 28 अगस्त को एक मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की थी। उन्होंने दो टिप्पणियां की थीं। एक पाकिस्तान से जुड़ी और एक महिला वकीलों से संबंधित थी।

जस्टिस श्रीशानंद ने सुनवाई के दौरान कर्नाटक के गोरी पाल्या (मुस्लिम बहुल इलाके) को पाकिस्तान कहा था। श्रीशाह नंदा ने कहा था कि गोरी पाल्या में एक ऑटो में 10 लोग होते हैं, वहां कानून लागू नहीं होता, गोरी पाल्या से मैसूर फ्लाईओवर तक का इलाका पाकिस्तान में है, भारत में नहीं। यहां कानून नहीं लागू होता और यही सच्चाई है।

जस्टिस नंदा किराया नियंत्रण अधिनियम से संबंधित मामले की सुनवाई कर रहे थे। जस्टिस वेदव्यासचार श्रीशानंद ने 5 मई 2020 को कर्नाटक हाई कोर्ट के एडिशन जज के रूप में शपथ ली थी। 25 सितंबर 2021 को वह कर्नाटक हाई कोर्ट के स्थायी जज बन गए।

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