तुलसी विवाह 2024: देव उठनी एकादशी में लगाने जा रहें तुलसी, तो जाने उसके पूजन की सही विधि, महत्व और लाभ

एकादशी के दिन भगवान शालिग्राम और माता तुलसी का विवाह भी किया जाता है, इसलिए इसे तुलसी विवाह भी कहा जाता है।

Update: 2024-11-11 03:40 GMT

Tulsi Vivah 2024 : कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देव उठनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान शालिग्राम और माता तुलसी का विवाह भी किया जाता है, इसलिए इसे तुलसी विवाह भी कहा जाता है। हालांकि कुछ लोग अगले दिन यानी द्वादशी तिथि को भी तुलसी विवाह करते हैं, सनातन धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि यदि भक्त प्रतिदिन माता तुलसी में जल अर्पित कर पूजा पाठ करे तो उसके घर में सुख - समृध्दि बनी रहती है। शास्त्रों के अनुसार तुलसी के पौधे में माता लक्ष्मी का वास होता है। यदि पूरे दिल से तुलसी पूजन किया जाए तो माता लक्ष्मी अपनी कृपा उस पर बनाए रखती हैं। यही कारण है कि तुलसी विवाह वाले दिन लोग माता तुलसी लगाते भी हैं और जिनके यहां लगी है पूजा करते हैं।

कैसे करें तुलसी पूजन 

1. तुलसी पूजन करने के लिए प्रात: उठकर स्नान कर लें।

2. उसके बाद तुलसी के पौधे में जाकर जल अर्पित करें।

3. तुलसी के पौधे के सामने बैठकर तुलसी माला का जाप भी कर सकते हैं।

4. यदि संभव हो तो तुलसी के पौधे में फल - फूल और सिंदूर के साथ लाल चुनरी भी चढ़ा सकते हैं।

5. शाम को प्रतिदिन तुलसी के सामने दीपक अवश्य जलाना चाहिए।

तुलसी पूजन का महत्व

हिंदू धर्म के मान्यता के अनुसार तुलसी माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की अति प्रिय है। इसी कारण से कोई पूजा या धार्मिक कार्य तुलसी पूजन के बिना अधूरे माने जाते हैं। यही कारण है कि हिंदू धर्म के ज्यादातर पूजा में आपको तुलसी दिखेगी। तुलसी का घर में लगा होना भी बेहद शुभ माना जाता है।

तुलसी पूजन के लाभ

कहा जाता है कि जिस आगन में तुलसी पौधा होता है उस घर से नकारात्मक ऊर्जा कोसों दूर रहती है। तुलसी में जल अर्पित करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है। हिंदू धर्म के अनुसार जो लोग माता तुलसी की प्रतिदिन पूजा करते हैं, जल चढ़ाते हैं वो मृत्यु के बाद स्वर्ग को जाते हैं। इसके अलावा उनके पास कभी बुरी आत्माएं नहीं भटकती।

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