इंदौर में कांग्रेस को झटका, हाईकोर्ट की डबल बेंच ने खारिज की डमी प्रत्याशी की याचिका

डमी उम्मीदवार पटेल का कहना था कि उन्होंने पार्टी के वैकल्पिक प्रत्याशी के रूप में नामांकन फार्म जमा किया था।

Update: 2024-05-04 14:08 GMT

इंदौर।  इंदौर उच्च न्यायालय की युगलपीठ से भी कांग्रेस को राहत नहीं मिली है। पार्टी के वैकल्पिक प्रत्याशी मोती सिंह पटेल की याचिका को हाईकीर्ट ने खारिज कर दी है। कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी रहे अक्षय कांति बम की नाम वापसी के बाद मोती सिंह ने कांग्रेस की ओर से उम्मीदवारी की अपील की थी, जिस पर शुक्रवार दोपहर में सुनवाई हुई थी, जिसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। इसके पहले हाई कोर्ट की एकलपीठ ऐसा करने से इनकार कर चुकी है। 

पटेल का कहना था कि उन्होंने पार्टी के वैकल्पिक प्रत्याशी के रूप में नामांकन फार्म जमा किया था। पार्टी ने बी-फार्म में उनके नाम का उल्लेख भी किया था। पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी द्वारा नामांकन फार्म वापस लेते ही उन्हें पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का अधिकार मिल गया है। निर्वाचन आयोग को आदेश दिया जाए कि उन्हें कांग्रेस का अधिकृत प्रत्याशी घोषित करते हुए चुनाव चिह्न आवंटित करे, लेकिन कोर्ट ने इससे इंकार कर दिया। 

सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी - 

अब कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। संभावना है कि पांच मई तक अपील दायर करा दी जाएगी। मोती सिंह पटेल के वकील विभोर खंडेलवाल ने हाईकोर्ट युगलपीठ से अपील खारिज होने की पुष्टि की है। उन्होंने फैसले की कॉपी के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में अपील की बात भी कही।

अधिकृत प्रत्याशी ने नाम वापिस लिया - 

गौरतलब है कि नामांकन फार्म वापस लेने के अंतिम दिन 29 अप्रैल को इंदौर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी अक्षय बम ने अपना नामांकन फार्म वापस ले लिया था। पार्टी के नेता मोतीसिंह पटेल ने भी कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में नामांकन फार्म जमा किया था, लेकिन उनका फार्म स्क्रूटनी के दौरान ही निरस्त हो गया, क्योंकि उनके नामांकन फार्म पर प्रस्तावक के रूप में दस लोगों के बजाय एक व्यक्ति के हस्ताक्षर थे। 


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