पीएचई विभाग में गड़बड़ी, 19 लाख की अनियमितता के आरोपी को दे दिया मुरैना में कार्यपालन यंत्री का प्रभार

Update: 2023-06-16 00:04 GMT

मुरैना/वेबडेस्क। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में 19 लाख रुपए की वित्तीय अनियमितता करने पर जांच कमेटी द्वारा दोषी ठहराए गए सहायक यंत्री संजीव गुप्ता का निलंबन और राशि की वसूली तो की नहीं गई, उल्टे इनाम स्वरूप सारे नियम कायदों को ठेंगा दिखाते हुए मुरैना में कार्यपालन यंत्री का प्रभार दे दिया गया है। और तो और गुप्ता की पदस्थापना किए जाने की गोपनीय सूचना मिलने पर मप्र पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम के अध्यक्ष रघुराज कंसाना ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर निवेदन किया था कि मुख्य अभियंता ने सहायक यंत्री को बर्खास्तगी के लिए पत्र लिखा है इसलिए उसे मुरैना में पदस्थ नहीं किया जाए।

जानकारी के मुताबिक संजीव कुमार गुप्ता पर ग्वालियर में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में कार्यपालन यंत्री का अतिरिक्त प्रभार रहते 7 मार्च 2019 से 2 सितंबर 2021 की समयावधि में 19 लाख रुपए की वित्तीय अनियमितता करने पर जांच कमेटी ने दोषी ठहराया था जिस पर तत्कालीन मुख्य अभियंता एसके अंधवान ने 21 दिसंबर 2020 को तत्कालीन मुख्य अभियंता केके सोनगरिया को अनियमितताएं संबंधी संपूर्ण रिपोर्ट प्रेषित करते हुए उन्हें निलंबित किए जाने के साथ ही कार्यप्रणाली में लापरवाही और उदासीनता की बात कही थी। इसके पहले उनके खिलाफ गठित जांच समिति ने 25 अक्टूबर 2021 को अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट में उन्हें 19 लाख 76 हजार 842 रुपए की राशि का शासन को अनुचित तरीके से आर्थिक क्षति पहुंचाए जाने का दोषी मानते हुए कार्रवाई के लिए रिपोर्ट मुख्य अभियंता को सौंपी थी। इतना सब होने के बावजूद गुप्ता ने उच्च स्तर पर गोटियां बैठा लीं जिसके परिणाम स्वरूप मुख्य अभियंता आरएलएस मौर्य ने 17 मई 2023 को सारी जांच रिपोर्ट और 19 लाख के गबन के आरोप को दरकिनार करते हुए उसे मुरैना में कार्यपालन यंत्री का प्रभार देने के आदेश जारी कर दिए।

यह है आरोप

बगैर टेंडर कोटेशन प्रक्रिया अपनाए एवीआई कंप्यूटर कम्युटेक इंदौर को 7 मार्च 2019 से 2 सितंबर 2021 तक कोरोना काल में 16 लाख रुपए के कार्यादेश जारी कर दिए। बाद में अधीनस्थ कर्मचारियों पर दबाव डालकर एमबी में हस्ताक्षर कराकर भुगतान भी करा डाला जबकि इसी फर्म को भिंड में पदस्थ पीआर गोयल सहायक यंत्री द्वारा फर्जी भुगतान किए जाने पर निलंबित कर दिया गया था फिर भी दोनों मामले एक ही तरह होने के बावजूद संजीव कुमार गुप्ता पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसी तरह की कई अनियमितताएं किए जाने पर जांच कमेटी के अध्यक्ष महेंद्र सिंह, सदस्य देवेंद्र अग्रवाल, महीपत नगरिया, एसपी पांडे, मेघा शर्मा और धर्मेंद्र सिंह ने उन्हें दोषी करार देते हुए 19 लाख 76 हजार रुपए की वसूली के साथ निलंबन की अनुशंसा की थी।

पूर्व विधायक और मुख्य अभियंता आमने-सामने इस पूरे मामले में पूर्व विधायक एवं पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक वित्त निगम के अध्यक्ष रघुराज सिंह कंसाना एवं मुख्य अभियंता आरएलएस मौर्य आमने-सामने हैं ।श्री कंसाना का कहना है कि भ्रष्टाचार में लिप्त गुप्ता की पदस्थापना मुरैना में किए जाने की शिकायत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कर उन्हें हटवाएंगे। वहीं आरएलएस मौर्य का तर्क है कि भीषण पेयजल समस्या को देखते हुए अस्थाई तौर पर गुप्ता को मुरैना में कार्यपालन यंत्री का प्रभार दिया गया है यदि स्थाई कार्यपालन यंत्री की पदस्थापना हो जाती है तो गुप्ता स्वत: हट जाएंगे।

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