मुरैना में जमीन विवाद के बाद दो पक्षों के बीच फायरिंग, 6 लोगों की मौत, 3 घायल

Update: 2023-05-05 07:06 GMT

मुरैना/वेबडेस्क।  मुरैना के सिहौंनिया थाना क्षेत्र के तहत लेपा गांव में जमीन के विवाद में दो गुटों में खूनी संघर्ष हो गया। संघर्ष के दौरान दोनों गुटों के लोगों ने लाठियों से हमला किया और बंदूकों से फायरिंग की। फाइरिंग में छह लोगाें की मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही सिंहौनिया सहित आसपास के थानों से भी पुलिस बल लेपा गांव भेजा गया है। घटना के बाद से गांव में तनाव की स्थति बनी हुई है। गांव से मृतकों के शवों को मुरैना अस्पताल में पीएम के लिए लाया गया है। साथ ही घायलों को भी इलाज के लिए मुरैना अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

फायरिंग में लेस कुमारी पत्नी वीरेंद सिंह, बबली पत्नी नरेंद्र सिंह तोमर, मधु कुमारी पत्नी सुनील तोमर, गजेंद्र सिंह पुत्र बदलू सिंह, सत्यप्रकाश पुत्र गजेंद्र सिंह व संजू पुत्र गजेंद्र सिंह है। घायलाें में विनोद सिंह पु. सुरेश सिंह तोमर, वीरेंद्र पुत्र गजेंद्र सिंह है।

यह था मामला


लेपा गांव के रंजीत तोमर व राधे तोमर के बीच जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। 2014 में दोनों पक्षाें के बीच में विवाद हुआ और रंजीत तोमर के पक्ष ने राधे तोमर के परिवार के दो तीन लोगों की हत्या कर दी थी। इसके बाद से रंजीत तोमर का परिवार गांव छोड़कर चला गया था। कुछ दिन पहले ही वह गांव में लौटा तो बदला लेने की नीयत से हमला किया।

आरोपी परिवार हुआ फरार, गांव में पसरा सन्नाटा


फायरिंग कर हत्या करने के बाद आरोपित परिवार सहित फरार हो गए। साथ ही गांव में इस घटना के बाद से सन्नाटा पसरा हुआ है। गांव का कोई भी व्यक्ति कुछ कहने के लिए तैयार नहीं है। पुलिस मौके पर पहुंच गई है। साथ ही आरोपियों की तलाश कर रही है। पुलिस को उम्मीद है कि अभी आरोपित खेतों व बीहड़ों में छिपे हो सकते हैं।

लेपा गांव के पास ही है डकैत पान सिंह तोमर का गांव

लेपा गांव के पास ही भिड़ोसा गांव है। भिड़ोसा गांव के ही डकैत पान सिंह तोमर थे। जिनके ऊपर फिल्म भी बन चुकी है। पान सिंह तोमर का विवाद भी जमीन को लेकर गांव के लोगों के साथ हुआ था और वह डकैत बने थे। खासबात यह है कि दोनों ही गांवों को जोड़कर यानि लेपा-भिड़ोसा के नाम से जाना जाता है।

दिमनी विधायक का गांव भी भिड़ोसा 

दिमनी के विधायक रविंद्र तोमर का गांव भी लेपा गांव के पास भिड़ोसा है। इसी गांव के डकैत पान सिंह तोमर थे। इसलिए भी ये गांव जिले में अपनी पहचान रखता है।


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