यूक्रेन में फंसे मुरैना के चार छात्र सुरक्षित वापिस आए, बताया क्या है हालात?

Update: 2022-03-04 12:04 GMT

मुरैना। युद्ध की विभीषिका में फसे मुरैना के विद्यार्थी शुक्रवार को सुरक्षित भारत लौट आये हैं। दिल्ली एयरपोर्ट से अपने घरों की ओर रवाना हुये छात्रों ने पोलेंड स्थित भारतीय दूतावास की सराहना की। विद्यार्थियों के सुरक्षित लौटने पर उनके परिजन अत्यन्त खुश हैं। 

बता दें कि दिल्ली एयरपोर्ट पर विद्यार्थियों का परिजनों ने उत्साह के साथ स्वागत किया। मुरैना के 5 छात्र यूके्रन के मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सा शिक्षा के लिये अध्ययनरत हैं। बीते 24 फरवरी को रूस और यूक्रेन में आरंभ हुये युद्ध के कारण चार विद्यार्थी यूक्रेन की राजधानी कीव में फंस गये थे। चार दिन तक जान बचाने के लिये भारतीय दूतावास में शरण लिये रहे।

कीव में कफ्र्यू खुलने के बाद 28 फरवरी को यूक्रेन के दूसरे शहर लुसादा में पहुंचे। वहां से पोलेंड बॉर्डर पर पहुंच गये। चार दिन तक लगातार मौत के साये में जीवन जीकर पोलेंड पहुंचकर इन छात्रों ने राहत की सांस ली। इनके परिजन भी लगातार भारत सरकार के अधिकारियों व राजनीतिज्ञों के सम्पर्क में बने रहे। इन पांच छात्रों में से तीन मुरैना की गांधी कॉलोनी निवासी डॉ. पदमेश उपाध्याय की पुत्री योगमाया तथा वेदांत कुलश्रेष्ठ, समक्ष पाराशर हैं। इनके साथ कैलारस के डॉ. बासुदेव शर्मा का पुत्र अमन शर्मा शामिल हैं। 

शुक्रवार को मुरैना के यह चारों विद्यार्थी सुबह 7 बजे अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा दिल्ली पर पहुंचे। बाहर निकलने पर परिजनों ने बड़े जोश के साथ इनका स्वागत किया। वहीं देश लौटने पर विद्यार्थी भी बहुत खुश दिखाई दिये। सुबह ही वेदांत कुलश्रेष्ठ अपने बड़े भाई के साथ सडक़ मार्ग से मुरैना के लिये रवाना हुआ। यह दोपहर बाद तक मुरैना पहुंच जायेगा। वहीं डॉ. पदमेश अपनी पुत्री योगमाया तथा समक्ष पाराशर अपने माता-पिता के साथ रेलमार्ग से शाम 4.30 बजे मुरैना पहुंचेंगे। कैलारस निवासी अमन शर्मा रात 8 बजे मुरैना की सरजमी पर कदम रखेंगे। यूद्ध के कारण इन छात्रों का जीवन संकट में आ गया था।

मुरैना का छात्र अमन कुमार यूक्रेन से निकलकर पहुंचा हंगरी - 

चिकित्सा शिक्षा के लिये यूके्रेन के डनीप्रो पेट्रोवस्क शहर में पहुंचे अमन कुमार युद्ध आरंभ होने के बाद एक मार्च को हंगरी पहुंच गये हैं। इस शहर की डनीप्रो मेडिकल यूनीवर्सिटी में अमन 5वीं वर्ष का विद्यार्थी है। यूद्ध आरंभ होने से पांच दिन बंकरों में काफी मुश्किल से बिताये। हर समय जीवन संकट में घिरा नजर आ रहा था। कफ्र्यू खुलने के बाद अनेक परेशानियों का सामना करते हुये हंगरी पहुंच गया है। दो दिनों से अभी फ्लाइट की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। इस कारण अमन हंगरी में ही रूका हुआ है। वह भारतीय दूतावास में शरण लिये हुये है। मुरैना में अमन के पिताजी व अन्य परिजनों का हाल-बेहाल हैं। परिवार के लोग चिंताग्रस्त हैं कि कैसे अमन देश वापसी कर पायेगा। यह संभावना है कि तीन दिन में अमन भारत आ जायेगा।

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