स्वदेश विशेष: MP में करोड़ों रुपए की रिश्वत से मनपसंद कलेक्टर का ट्रांसफर! EOW में शिकायत से गरमाई सियासत, जानिए सच्चाई?
मध्यप्रदेश। अधिकारियों की नियुक्ति और तबादले को लेकर मध्यप्रदेश में इस समय जमकर राजनीति हो रही है। कांग्रेस ने ताबड़तोड़ तबादलों पर सरकार को घेरते हुए वल्लभ भवन को भ्रष्टाचार का केंद्र बता दिया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने तो बीते दिनों प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार से कई सवाल किए। अब इस मामले में नया मोड़ आया है। सिंगरौली में कलेक्टर की पोस्टिंग को लेकर जीतू पटवारी के बयान के खिलाफ भाजपा ने एफआईआर दर्ज करवाई है। इन आरोपों में कितनी सच्चाई है, क्या सच में करोड़ों रुपए लेकर अवैध रेत खनन के लिए मनपसंद अधिकारी की पोस्टिंग की गई इसे जानने के लिए पढ़िए यह खास रिपोर्ट।
पहले जानिए कांग्रेस ने क्या आरोप लगाए :
जीतू पटवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि, 'प्रदेश में अपरिपक्व मुखिया की वजह से प्रशासनिक अराजकता का माहौल व्याप्त है! 10 महीने की सरकार में 385 में से 282 अधिकारियों के तबादले हो चुके हैं, जो कुल आईएएस पोस्टिंग का 74% है। रात के अंधेरे में लिस्ट आती है जिसमें आईएएस/आईपीएस की पोस्टिंग बिना पैसे दिए संभव नजर नहीं आती है! दलालों का बोलबाला है।'
कांग्रेस के आरोप लगाते ही भाजपा नेता क्राइम ब्रांच पहुंच गए और शिकायत की कि, मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल करने के लिए झूठे और तथ्यहीन आरोप लगाए जा रहे हैं। भाजपा की शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 336 (4) और 356 (2) के तहत मामला भी दर्ज कर लिया।
सिंगरौली का मामला इतना चर्चा में क्यों :
सिंगरौली का मामला तूल पकड़ रहा है और सवाल अब उठने लगे हैं। ये सवाल बिना किसी तथ्य के नहीं पूछे जा रहे हैं। दरअसल इन सभी शिकायतों और आरोपों का आधार ईओडब्ल्यू को की गई शिकायत है। यह शिकायत बीते कई दिनों से अंदरखानों में घबराहट की वजह बनी हुई है। इस मामले में जांच के लिए आदेश दे दिए गए हैं।
अब जानिए आखिर क्या हैं आरोप :
7 अक्टूबर 2024 को EOW में एक शिकायत की गई। इस शिकायत में पीड़ित ने बताया कि, कैसे रेत ठेकेदार, उनके दलाल और जीएम ने उसके साथ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की। 16 पन्नों की शिकायत में पीड़ित ने हवाला से भोपाल में पैसे ट्रांसफर कराने की बात कही है। आरोप है कि, मनपसंद कलेक्टर के तबादले - पदस्थापना को लेकर करोड़ों रुपए की मांग की गई थी।
EOW को की गई इस शिकायत में आरोपियों के नाम, पता और गाड़ी नंबर समेत व्हाट्स ऐप पर किये गए चैट्स का स्क्रीन शॉर्ट भी है जिसमें कोड लैंग्वेज में बात की जा रही है और आईएएस ट्रांसफर की लिस्ट शेयर की जा रही है।
शिकायत के अहम बिंदु :
"रमेश राय नाम के व्यक्ति ने उससे कहा कि हम सिंगरौली जिला के लिये अपना कलेक्टर लेकर जा रहे है और उसमें जो राशि लगेगी वो हमे लगानी है इस सिलसिले में हमारी बातचीत भोपाल से लेकर दिल्ली तक हो चुकी है। उसके बाद 15 मार्च 2024 की रात में इन्होन मुझे कलेक्टरों की ट्रांसफर लिस्ट वास्ट्स करी और रात के 12:38 मिनट पर व्हाट्स ऐप पर कॉल किया कि अपना काम हो गया है और साहब का नाम आप लिस्ट में देख सकते हो। इस काम में 6 करोड़ रूपये का लेनदेन हुआ है उसमें से 3 करोड़ करोड़ रूपये हमने भुगतान कर दिया है और शेष राशि का भुगतान करने के लिये समय दिया गया है।"
"हवाला के माध्यम से भोपाल में पैसे ट्रांसफर करने को कहा गया। इसके लिए भोपाल के बड़े मॉल में एक मीटिंग भी हुई। पीड़ित का कहना है कि, उसे सिंगरौली बुलाया गया और जब उसने कलेक्टर से मिलने की बात कही तो उसे टरकाया गया।"
"जिन-जिन लोगों से भी बातचीत की गई सब लोगों का कहना था कि हम लोगों को जब तब कलेक्टर साहब से नहीं मिलवाओगे तब तक हम कुछ नहीं कर पायेगें। जब यह बात रमेश राय को बताई गई तो उसका यह कहना था कि जिसको भी मिलना है वह हमसे आकर मिले साहब से मिलने का कोई भी मतलब नहीं है। सबकुछ हमको ही देखना है। बहुत प्रयास करने के बावजूद भी जब व्यवस्था नहीं बन पाई तब रमेश राय ने कुछ तिकड़म करके सहकार ग्लोबल कंपनी जो वहां पर रेत का काम कर रही थी उसमें छापा डलवाया ओर 15 तारीख से लेकर 20 तारीख के बीच में सिंगरौली जिले की भरसड़ी खदान पर छापा डलवाया। इसके बाद सी.जी.एम. उत्तम शर्मा को बोला कि जो भी आपके उपर अवैध उत्खनन की पेनालटी लगाई जानी है उससे अगर आपको बचना है तो भोपाल जाकर मीटिंग करें।"
"23 मार्च 2024 को डीबी माल में मेरियट होटल में बैठक, होने के बाद यह निर्णय निकला कि कंपनी दो करोड़ रूपये अवैध उत्खनन की पैनाल्टी से बचने के लिये देगी और इसके अलावा एक करोड़ रूपये प्रति माह सिंगरौली जिला और इतना ही शहडोल जिले का देगी। बात होने के बाद उत्तम शर्मा ने कहा कि हम सिंगरौली में साहब से मिलने के बाद पैसे देगें।"
"28 मार्च 2024 को रमेश राय, उत्तम शर्मा को लेकर साहब से मिलवाने के लिये ले गया। जब उत्तम शर्मा साहब से मिलने के बाद संतुष्ट हुआ तो उसने बोला कि लोक सभा चुनाव चल रहे है और बहुत सख्ती है पैसे का लेनदेन किस प्रकार होगा। रमेश राय का कहना था कि पैसे को भोपाल पहुंचाना अतिआवश्यक है।"
इस तरह EOW को की गई शिकायत कई सवाल खड़े करती है। इन आरोपों में कितनी सच्चाई है यह तो अभी अधिकारी पता लगा रहे हैं लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि, आखिर भोपोल में हवाला का पैसा किसे ट्रांसफर किए जाने की बात की जा रही थी। करोड़ों रुपए की लेनदेन को लेकर कलेक्टर की पदस्थापना के आदेश बेहद गंभीर है। सरकार को निष्पक्षता से जांच करवाने के बाद इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।