MP शिक्षक भर्ती मामला: नियमों में संशोधन के बिना कोई नियुक्ति नहीं, 6 हजार पद हैं खाली
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि, जब तक सरकार शिक्षक भर्ती के नियम नहीं सुधार लेती तब तक हाई स्कूल शिक्षकों के बचे हुए पदों पर भर्तियां नहीं की जाएगी।
MP Teacher Recruitment: मध्य प्रदेश में हाईस्कूल शिक्षक भर्ती पर जबलपुर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि जब तक सरकार शिक्षक भर्ती के नियमों में सुधार नहीं करती, तब तक हाईस्कूल शिक्षकों के बचे हुए पदों पर भर्ती नहीं की जाएगी। इसलिए भर्ती नियमों में सुधार होने तक कोर्ट ने हाईस्कूल शिक्षकों के 18 हजार में से बचे हुए 6 हजार पदों पर भर्ती पर रोक लगा दी है। इसके अलावा कोर्ट ने राज्य सरकार को शिक्षक भर्ती नियमों में संशोधन करने के लिए 3 सप्ताह का समय दिया है, जिसके बाद मामले पर अगली सुनवाई होगी।
बता दें कि हाईस्कूल शिक्षक भर्ती में अभ्यर्थियों के सेकेंड डिवीजन मापदंड को लेकर विरोधाभास था। शिक्षा विभाग ने 45 से 50% अंक वाले कई अभ्यर्थियों को सेकेंड डिवीजन मानकर भर्ती कर ली थी। वहीं 45 से 50% अंक वाले कई अभ्यर्थियों को थर्ड डिवीजन मानकर भर्ती नहीं की गई थी।
हाईकोर्ट ने क्या कहा:
इससे पहले सुनवाई के दौरान इस गड़बड़ी को देखते हुए हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि राज्य सरकार को यह स्पष्ट करना होगा कि थर्ड डिवीजन माने जाने वाले अभ्यर्थियों को रिक्त पदों पर नियुक्ति का अवसर मिलेगा या नहीं? अगर सेकेंड डिवीजन के लिए नियम समान नहीं हैं तो 50 फीसदी से कम अंक लाने वाले चयनित अभ्यर्थियों की भर्ती रद्द करने के आदेश दिए जा सकते हैं।
जानकारी के मुताबिक, राज्य में हाईस्कूल शिक्षकों के 18 हजार पदों में से अब तक सिर्फ 12 हजार पदों पर ही नियुक्तियां हो पाई हैं। भर्ती प्रक्रिया में इस विसंगति ने बाकी भर्तियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।