ये क्या हो गया मध्य प्रदेश की पुलिस को: किसी ने नेताओं के हाथ जोड़े तो किसी ने पड़े पैर, वर्दी में CM के भाई का पैर छूती सूबेदार का वीडियो वायरल

Update: 2025-03-11 10:26 GMT

वर्दी में CM के भाई का पैर छूती सूबेदार सोनू बड़गुर्जर का वीडियो वायरल

भोपाल। ये क्या हो गया मध्य प्रदेश की पुलिस को...कोई पुलिस अधिकारी भाजपा नेता के हाथ जोड़ रहा है तो कोई पैर पढ़ रहा है। बीते दिनों भोपाल से आये एक वीडियो में महिला पुलिस अधिकारी भाजपा पार्षद की गाड़ी का चालान काटने के लिए उनके सामने हाथ जोड़ती दिखाई दी थीं तो आज एक महिला पुलिस अधिकारी सीएम के भाई के पैर छूती नजर आई हैं। इस महिला पुलिस अधिकारी की पहचान सूबेदार सोनू बड़गुर्जर के रूप में हुई हैं।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है। इस वीडियो में सूबेदार सोनू बड़गुर्जर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के बड़े भाई नारायण यादव का स्वागत कर रहीं हैं। इतना ही नहीं सूबेदार सोनू बड़गुर्जर ने वर्दी पहने हुए नारायण यादव के पैर भी छूए। यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल है। वीडियो देख हर कोई मध्य प्रदेश पुलिस पर सवाल खड़े कर रहा है।

एमपी कांग्रेस ने यह वीडियो शेयर करते हुए लिखा - नीमच में सूबेदार सोनू बड़गुर्जर ने भाजपा नेता के पैर छूए। मुख्यमंत्री तो ठीक अब उनके बड़े भाई भी वर्दी में अधिकारियों से पाव पड़वा रहे है। यह आवभगत और जी हजूरी यह बताने के लिए काफी है कि सत्ता में परिवार के सदस्यों का कितना हस्तक्षेप है। नीमच में सूबेदार सोनू बड़गुर्जर जैसे अधिकारी सत्ता की चरण वंदना कर खुद को उनके कृपा पात्र मान लेते हैं और खुद को अंधेरगर्दी करने का सर्टिफिकेट प्राप्त समझने लगते हैं।

सत्ता पक्ष के नेताओं के आगे नतमस्तक होते पुलिस अधिकारियों का यह कोई पहला वीडियो नहीं है। इसके पहले अभी हाल ही में एक महिला पुलिस अधिकारी बीजेपी पार्षद के हाथ जोड़ती दिखाई दी थीं। भाजपा पार्षद ब्रजाला सचान की गाड़ी पर अवैध रूप से हूटर लगा था। उनका चालान बनवाने के लिए महिला पुलिस अधिकारी उनके हाथ जोड़ते नजर आईं थीं।

वर्दी में किसी के पैर छूना पद की गरिमा के अनुरूप नहीं :

इस मामले पर रिटायर्ड डीजीपी मैथिलि शरण गुप्त ने कहा - यह यूनिफार्म के डेकोरम के खिलाफ है क्योंकि जब आप यूनिफार्म में होते हैं तो यह उम्मीद की जाती है कि, आप सैल्यूट करें लेकिन किसी के पैर छूना सही नहीं है। यह पद की गरिमा के अनुरूप नहीं है। इस तरह के काम से विभाग की छवि धूमिल होती है। ऐसे लोगों के खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए, कम से कम विभागीय कार्रवाई तो होनी ही चाहिए।

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