Lucknow: लखनऊ की सड़कों पर ई-रिक्शा चालकों ने जमाया डेरा, जाम के झाम से जूझ रहे शहरी...

फाइलों में सिमट कर गया रूट निर्धारण का आदेश, शहर से लेकर कस्बों तक बढ़ा ट्रैफिक। महानगर क्षेत्र की बाजारों से लेकर शहर और कस्बों के चौराहों तक पर मचा रहे धमाचौकड़ी

Update: 2024-08-30 13:15 GMT

अजय सिंह चौहान, लखनऊ। राजधानी में यातायात व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है। शहर में प्रमुख चौराहों पर अक्सर जाम की समस्या देखने को मिल रही है। जाम का सबसे बड़ा कारण अतिक्रमण ई-रिक्शा है। ई-रिक्शा चालकों की मनमानी से क्षेत्रवासी परेशान है। शहर से लेकर कस्बों तक लगातार ई-रिक्शा की संख्या बढ़ती ही जा रही है जिससे शहर में जाम की स्थिति काफी बढ़ गई है। ई रिक्शा चालक मनमाने तरीके से वाहन को खड़ा करते हैं।साथ ही सवारी दिखते ही एकदम से ई-रिक्शा का रोक देते हैं। जिसके चलते पीछे से आ रहे वाहन दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। लखनऊ शहर की बात की जाए तो अब तक कई लोगों को ई रिक्शा के चलते चोटें भी लग चुकी हैं।प्रशासन व ट्रैफिक पुलिस की ओर से ई-रिक्शा पर लगाम लगाने के कई बार प्रयास किए गए। कई योजनाएं बनाई गई, लेकिन सारी योजनाएं कागजों तक ही सिमट कर रह गई। शहर में बढ़ रहे ई रिक्शा चिंता का विषय बनते जा रहे हैं।

बता दें कि लोगों की सुविधाओं के लिए शहर में दौड़ रहे ऑटो और ई-रिक्शा के कारण अब असुविधा भी लोगों को देखने को मिल रही है।जिसमें खास तौर पर यह देखा जा रहा है कि ई-रिक्शा की तादाद कुछ ज्यादा ही शहर में बढ़ गई है। जिसके कारण शहर के यातायात में भी बहुत फर्क पड़ा है, जिसमें सबसे ज्यादा असर बाजारों की यातायात व्यवस्था पर पड़ रहा है। हर तरफ बाजार में ई- रिक्शा ही नजर आ रहे हैं।

जिसके कारण आवागमन करने वाले लोगों को काफी समस्याएं होती हैं और कई बार बाजार में ट्रैफिक जाम भी लग जाता है।शहर का कैसरबाग चौराहा हो या चारबाग चौराहा या फिर आलमबाग चौराहा एवं इंजीनियरिंग कॉलेज, टेढ़ी पुलिया, मुंशी पुलिया, भिठौली क्रॉसिंग, सीतापुर रोड पर बीकेटी में चन्द्रिका देवी रोड,अस्ती रोड, इटौंजा में माल रोड, थाना रोड, आईआईएम तिराहा, सीतापुर रोड पर पुरनिया चौराहा इन सब प्रमुख चौराहों पर ई-रिक्शा आड़े तिरछे खड़े रहते हैं, जिससे चारबाग रेलवे स्टेशन पर ई-रिक्शाओं के चलते यात्रियों को ट्रेन पकड़ने तक में काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

ई रिक्शा के चलते लगातार शहर में जाम की समस्या बढ़ती ही जा रही है। डीसीपी ट्रैफिक द्वारा दिए गए निर्देश अब तक धरातल पर नहीं उतर सके हैं। पुलिस द्वारा ई-रिक्शा के रूट निर्धारण करने के लिए ई-रिक्शा चालकों से आवेदन लिए गए कि वह किस रूट पर चलना चाहते हैं। योजना थी कि ई रिक्शों का रूट निर्धारित कर दिया जाए। रूट संख्या मार्ग का नाम भी लिखने की तैयारी थी, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। शहर के बलरामपुर अस्पताल, केजीएमयू आदि अस्पतालों के गेट पर ई रिक्शा का जमावड़ा अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों के लिए सर दर्द बन जाता है।

निर्धारित रूट पर नहीं चल रहे ई-रिक्शा : हाल ही में यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए ट्रैफिक पुलिस द्वारा ई-रिक्शाओं का रूट निर्धारित किया गया था। ई-रिक्शा के लिए 21 रूट निर्धारित किए गए थे। लेकिन एक भी दिन ई रिक्शा इन निश्चित रूट पर नहीं संचालित हुए।केवल फाइलों में भी ई-रिक्शाओं का रूट निर्धारित हुआ और वहीं बंद भी हो गया। इससे पहले भी ई-रिक्शाओं के रूट को निर्धारित करने की बात पुलिस और ट्रैफिक पुलिस की ओर से की गई थी। लेकिन वह भी सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह गई थी।

बाजारों में लग जाती हैं ई-रिक्शा की कतारें : ई-रिक्शा वाहन छोटे होने के कारण चालक आसानी से बाजारों में प्रवेश कर जाते हैं और यहां पर पैदल घूमने वाली सवारियों को बैठाने के चक्कर में बाजार में धमा चौकड़ी करते हुए नजऱ आते हैं। कभी-कभी तो यह अपनी मनमानी पर उतारू भी हो जाते हैं। जिसमें यह बीच सडक़ों पर ही ई-रिक्शा रोक देते हैं, जिसके कारण बाजारों में ट्रैफिक जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है। वहीं जब बाजार में अत्यधिक भीड़ रहती है तो ई-रिक्शा वाहनों की कतारें अलग ही लोगों को देखने मिलती है।

कम नहीं हुआ परिवहन तो होगी परेशानी : पहले सडक़ों पर साइकिल रिक्शा चला करते थे, जिस पर लोग सवारी करके बाजारों और घरों पर आया-जाया करते थे। लेकिन अब आधुनिक युग में साइकिल रिक्शा का चलन बंद होता हुआ नजर आ रहा है और ई-रिक्शा का चलन बढ़ता जा रहा है।जिससे लोगों को सुविधा भी हो रही है, पर इस सुविधा के कारण अब राहगीरों के अंदर परेशानियां भी देखने को मिल रही है। जिसमें मुख्य तौर पर ई-रिक्शा का चलन इतना ज्यादा बढ़ गया है कि पूरे शहर में सिर्फ ई-रिक्शा ही नजर आते हैं। अगर ऐसा ही रहा तो इसके परिवहन पर बढ़ोत्तरी होने से लोगों को काफी समस्याएं झेलनी पड़ सकती हैं और इससे यातायात पर भी बहुत गहरा असर पड़ेगा। 

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