Hardoi News: सिटी मजिस्ट्रेट की मनमानी पर अब मंत्री जेपीएस राठौर के पाले में गेंद
अतिक्रमण उन्मूलन : भाजपा पूर्व जिला उपाध्यक्ष, जिला मीडिया प्रभारी से नगराधीश की बदसलूकी
हरदोई। सिटी में अतिक्रमण उन्मूलन अभियान नगराधीश सुनील त्रिवेदी की 'अंधा बांटे रेवड़ी, पुनि पुनि अपनेहि देइ' की नीति से पहले ही दिन सवालों से घिर गई। पिहानी चुंगी पर भाजपा की पूर्व जिला उपाध्यक्ष अनुपमा सिंह और अपनी दुकानों के सामने नियम विरुद्ध कार्यवाही पर सिटी मजिस्ट्रेट से आपत्ति दर्ज कराने पहुंचे भाजपा जिला मीडिया प्रभारी गांगेश पाठक की हॉट टॉक हुई थी। पर त्रिवेदी और सिटी कोतवाल कुशवाहा पाठक पर चढ़ाई कर दिए थे।
पता चला है, भाजपा जिलाध्यक्ष अजीत सिंह बब्बन ने सिटी मजिस्ट्रेट से जुड़े ताजा मामले के साथ 16 मार्च को घटित पूर्व जिलाध्यक्ष विद्या राम वर्मा प्रकरण का संज्ञान शीर्ष को दिया है। मामला, प्रभारी/सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर, संगठन जिला प्रभारी शंकर लाल लोधी और क्षेत्रीय अध्यक्ष कमलेश मिश्रा की मेज पर पहुंचाया है बब्बन ने।
इधर, भाजपा नगर मण्डल ने भाजपा पूर्व जिला उपाध्यक्ष अनुपमा सिंह और जिला मीडिया प्रभारी गांगेश पाठक से नगराधीश सुनील त्रिवेदी की बदसलूकी को नाकाबिले बर्दाश्त बताते हुए अपर जिलाधीश प्रियंका सिंह को ज्ञापन देकर उन्हें जिले से हटाने की मांग की।
नगर मंत्री राजेंद्र गुप्ता रानू ने तो एडीएम से यहां तक पूछ लिया, भाजपा कार्यकर्ताओं की दुकानों के आगे अस्थाई शेड और नाले के पत्थरों पर नियम विरुद्ध कार्यवाही करने वाले सिटी मजिस्ट्रेट सुनील त्रिवेदी के वहीं स्थित गांधी मेडिकल स्टोर स्वामी से क्या अवैध या घरेलू संबंध है, जो उनका पक्का छज्जा और चबूतरा उन्हें नहीं दिखा। इस दौरान उपाध्यक्ष निधि सिंह, प्रद्युम्न सिंह पुन्ने, पूर्व उपाध्यक्ष शुभम लोहिया, मंत्री पंकज सिंह, कोषाध्यक्ष प्रभाकर अग्निहोत्री, पूर्व सभासद मुनि मिश्रा सहित तमाम पदाधिकारी रहे।
सवाल तो फिर और उठेंगे, पीके में यकायक जागा 'सिविक सेंस'
बड़े चौराहा से सिनेमा चौराहा की वीआईपी लेन में दिखेगी प्रशासन की 'निष्पक्ष नजर'?
हरदोई। अतिक्रमण उन्मूलन अभियान में रविवार को पहले दिन सत्तारूढ़ दल के प्रमुख वर्करों को प्रशासन ने जिस तरह का ’ट्रीटमेंट’ दिया, उसका असर अगली भोर दिखा। दूसरे दिन का अभियान हालांकि डीएम बंगला चौराहा से पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस तिराहा वाया सोल्जर बोर्ड चौराहा रहा, पर असर 'ऑफ रूट' भी दिखा। नुमाइश चौराहा से बड़ा चौराहा (महात्मा गांधी मार्ग) पर जनपद की प्रथम महिला प्रेमावती और प्रथम पुरुष प्रदीप कुमार 'पीके वर्मा' की रिहाइश (बोर्डिंग हाउस) है। सोमवार सुबह दोनों के सुपरविजन में उनके आवास के सामने कवर्ड नाले पर छेनी हथौड़ी बजती दिखी।
जिला पंचायत अध्यक्ष कैम्प से बयान जारी हुआ, अतिक्रमण उन्मूलन अभियान के क्रम में प्रशासन की मंशानुसार उनकी तरफ की तारीख से पहले निज निवास के सामने के नाले से पत्थर (ग्रेनाइट) हटवाए गए। यह भी कहा गया, सिटी की सभी सड़कों और नालों पर एनक्रोचमेंट है। इससे गंदगी, जलभराव और जाम की दिक्कत आम है। इससे सभी शहरियों को दिक्कतें आती हैं। क्लीन और ग्रीन सिटी के लिए अतिक्रमण को हटाया जाना जरूरी है और सभी नागरिकों से इसके लिए आगे आना चाहिए। अब मालूम नहीं, ये नागरिक बोध है ...या 'मानहानि' की फिक्र?
...यक्ष प्रश्न तो विशिष्ट राह पर : सिटी में बड़ा चौराहा से सिनेमा चौराहा के मध्य रसूखदार प्रतिष्ठान हैं। सालों से अतिक्रमण उन्मूलन अभियान चलते आए, पर मजाल जो प्रशासन ने एक भी हथौड़ा इन रसूख वाले प्रतिष्ठानों पर चलाया हो। ये विशिष्ट प्रतिष्ठान वर्षों से नाली पर पक्का निर्माण किए हैं।
चार प्रतिष्ठानों की तस्वीर देख लीजिए। आरके मेडिकल और गारमेंट्स, डॉ.नवीन सक्सेना का क्लीनिक, लाला काशीनाथ सेठ सर्राफ और फूलचंद गारमेंट्स, नाली के ऊपर बेशकीमती पत्थर लगवाए हैं। शहर की सबसे व्यस्त सड़क इनके अलावा तमाम रसूख वाले प्रतिष्ठान के सामने नाली दाबे बैठे हैं। अब देखने की बात होगी, 10 सितंबर को इन विशिष्ट प्रतिष्ठानों के अतिक्रमण पर महाबली गरजेगा? या गरीबों गुरबों पर बरस कर सिटी को अतिक्रमण मुक्त मान लिया जाएगा?