ममता बनर्जी ने वीडियो संदेश जारी कर की शांति की अपील, कहा- व्हील चेयर से करूंगी प्रचार
- मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पैर में फ्रेक्चर
- चुनाव आयोग पहुंची टीएमसी
- कांग्रेस ने बताया तमाशा
कोलकाता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में नामांकन दाखिल करने के दौरान हुए कथित हमले के बाद अपने समर्थकों के लिए वीडियो संदेश जारी किया है। इस संदेश में ममता ने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
"मैं सभी से, विशेष कर कार्यकर्ताओं से अपील करती हूं कि वे शांति और संयम से रहे। ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे लोगों को असुविधा हो। कल बहुत जोर से चोट लगी थी। हाथ-पैर में चोट लगी थी। पांव के लिंगमेंट में चोट लगी है। सिर और सीने में भी दर्द था। अपनी गाड़ी से लोगों को नमस्कार करते जा रही थी। उसी समय दवाब पड़ा और उनका पैर गाड़ी में दब गया। गाड़ी में जो भी दवाई थी उसे लेकर कोलकाता रवाना हुई थी। चिकित्सा चल रही है। मैं दो से तीन दिनों में अपने काम में लौट आएंगी, हालांकि पैर में समस्या रहेगी, लेकिन मीटिंग रद्द नहीं करना होगा। यदि जरूरत होगी, तो वह व्हील चेयर से ही मीटिंग करेंगी।"
बाएं पैर में फ्रेक्चर -
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कल शाम नंदीग्राम में हुए हमले के बाद उनके बाएं पैर में फ्रैक्चर हो गया है। घटना के बाद उन्हें कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में देर रात भर्ती किया गया था। यहां एमआरआई और एक्सरे के बाद पता चला कि उनके बाएं पैर के तलवे और पैर के निचले हिस्से की गांठ की हड्डी फ्रैक्चर हो गई है। इसके अलावा मुख्यमंत्री को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। उनकी पीठ में भी चोट लगी है। एमआरआई के बाद टेंपरेरी प्लास्टर किया गया था लेकिन आज गुरुवार शाम तक उनके बाएं पैर का प्लास्टर किया जा सकता है।
चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज -
टीएमसी ने इस मामले को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। चकित करने वाली बात यह है कि पार्टी ने चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करते हुए आरोप लगाया है कि घटना को लेकर आयोग ने निष्क्रियता बरती है। इशारे-इशारे में भारतीय जनता पार्टी पर हमले का आरोप लगाते हुए पार्टी ने दावा किया है कि केंद्र जानबूझकर ममता बनर्जी को निशाना बना रहा है।
टीएमसी के मुख्य प्रवक्ता सांसद डेरेक ओ ब्रायन, पार्टी के महासचिव और शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी तथा राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य का प्रतिनिधिमंडल राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी से मिलने पहुंचा। बाहर निकले पार्थ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ममता बनर्जी पर पहले ही हमले की आशंका थी। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी पर हमले की साजिश रची गई। ऐसा करने वालों का इरादा कानून व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ने का था। उन्होंने कहा कि राज्य में पुलिस महानिदेशक और कानून व्यवस्था के एडीजी को हटाए जाने के बाद ही ममता पर हमले हुए और मौके पर पुलिस की गैरमौजूदगी साजिश की ओर इशारा करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस तरह से चुनाव आयोग ने घटना के बाद निष्क्रियता बरती, वह भी अपने आप में सवालों के घेरे में हैं। इसके बाद चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
कांग्रेस ने दी चुनौती -
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने इस घटना को तमाशा करार देते हुए चुनौती दी है। चौधरी ने ममता को इस तरह की राजनीतिक नौटंकी नहीं करने की नसीहत देते हुए कहा कि वह फिलहाल मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ गृहमंत्री भी हैं। पुलिस प्रशासन उन्हीं के अधीन है। अगर दम है तो घटना का सीसीटीवी फुटेज जारी किया जाए, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
चौधरी ने कहा कि अगर सच में हमला हुआ है तो ममता को बिना देरी किए सीबीआई अथवा एनआईए जांच की अनुशंसा करनी चाहिए अथवा जांच सीआईडी को सौंप दें? दम है तो विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाए ताकि कथित हमले का रहस्योद्घाटन हो सके।