कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भड़काऊ भाषण देने के आरोप में अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती से पूछताछ की। मिथुन पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर भाषण में अपनी फिल्मों के चर्चित संवाद बोलकर चुनाव के बाद हुई हिंसा को भड़काया।विधानसभा चुनाव के दौरान मिथुन पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए महानगर के मानिकतल्ला थाने में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। बता दें कि आज मिथुन चक्रवर्ती का जन्मदिन भी है
चुनाव परिणाम घोषित होने के एक माह बाद मिथुन ने उक्त प्राथमिकी के खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें एफआइआर खारिज करने का अनुरोध किया गया था। हालांकि हाई कोर्ट ने मिथुन को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए जांच अधिकारी के समक्ष पूछताछ में शामिल होने का पिछले हफ्ते निर्देश दिया था। अदालत ने साथ ही जांच अधिकारी को भी निर्देश दिया था कि वह मिथुन को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए उपस्थित होने के लिए तर्कसंगत समय दें।
हास्य- विनोद के लिए बोले गए
हालांकि चक्रवर्ती ने दावा किया है कि फिल्मों के ऐसे संवाद केवल हास्य- विनोद के लिए बोले गए थे और वह निर्दोष हैं तथा ऐसे किसी अपराध में शामिल नहीं हैं जिसके आरोप शिकायतकर्ता ने लगाए हैं। चक्रवर्ती ने कोलकाता पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी को खारिज करने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।मानिकतल्ला पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी में दावा किया गया है कि सात मार्च को भाजपा में शामिल होने के बाद आयोजित रैली में चक्रवर्ती ने '' मारबो एखाने लाश पोड़बे शोशाने' (तुम्हे मारूंगा तो लाश श्मशान में गिरेगी) और ' एक छोबोले चाबी' (सांप के एक दंश से तुम तस्वीर में कैद हो जाओगे) डॉयलॉग बोले, जिसकी वजह से राज्य में चुनाव के बाद हिंसा हुई।