भाजपा प्रदेशाध्यक्ष तय होते ही निगम-मंडलों में होंगी नियुक्तियां: अप्रैल के आखिरी तक हो सकता है फैसला…
लोकसभा, विधानसभा टिकट से चूके कई नेताओं की दावेदारी शुरू;

विशेष संवाददाता, भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति का फैसला पिछले दो महीने आगे खिसकता जा रहा है। अब जल्द ही अध्यक्ष तय होने की संभावना है। संगठन में पदाधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया के बीच निगम, मंडलों, बोर्ड, प्राधिकारियों में भी नियुक्तियों को लेकर दावेदारी शुरू हो गई है। ऐसे नेता जो पिछले विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में टिकट पाने से चूक गए थे, उनकी भोपाल में अचानक सक्रियता बढ़ गई है।
इन नेताओं ने भाजपा संगठन पदाधिकारियों से लेकर, मुख्यमंत्री और दिल्ली में भी पार्टी नेताओं से मुलाकात की है। जिसे निगम, मंडलों में नियुक्तियों से जोड़कर देखा जा रहा है।
प्रदेश में मोहन सरकार 16 महीने का कार्यकाल पूरा करने जा रही है। अभी तक निगम, मंडलों में नियुक्तियां नहीं हुई हैं। जिसकी वजह संगठन चुनाव की प्रक्रिया पूरी नहीं होना है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति का फैसला 3 महीने से केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष विचाराधीन है। जिस पर जल्द ही निर्णय होने की संभावना है। ऐसे में तय माना जा रहा है कि भाजपा अध्यक्ष का फैसला होने के बाद प्रदेश सरकार करीब डेढ़ दर्जन पदों पर नियुक्तियां दे सकती है।
जिन्हें निगम, मंडल, प्राधिकरणों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष की नियुक्ति देेकर कैबिनेट या राज्यमंत्री का दर्जा दिया जाएगा। हालांकि इतना तय है कि नए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष द्वारा अपनी प्रदेश कार्यकारिणी के गठन के बाद ही नियुक्तियों का रास्ता खुलेगा, क्योंकि जिन नेताओं को संगठन में जगह दी जाएगी उन्हें सरकार में नियुक्तियां नहीं मिलेंगी।
टिकट से वंचित नेता अचानक सक्रिय
पिछले विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में भाजपा के कई नेताओं ने टिकट की दावेदारी की थीं। इनमें से कुछ नेताओं को निगम मंडलों में नियुक्तियां दी जा सकती हैं। लोकसभा चुनाव से पहले दूसरे दलों से भाजपा में आने वाले कुछ नेताओं को भी सरकार में नियुक्तियां मिल सकती हैं।
इसके अलावा भाजपा संगठन के मौजूदा पदाधिकारी जिन्हें संगठन में कोई नई जिम्मेदारी नहीं मिलेगी, उन्हें भी सरकार में नियुक्ति मिलने की संभावना है।
इन संस्थाओं में होना है नियुक्तियां
शुरुआत में सरकार मप्र पाठ्यपुस्तक निगम, ऊर्जा निगम, खनिज निगम, नागरिक आपूर्ति निगम, वित्त आयोग, बीज निगम, औद्योगिक संस्थाओं के अलावा भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर समेत अन्य विकास प्राधिकरणों में अध्यक्ष। इसके अलावा कुछ मंडल, आयोगों में भी नियुक्तियां मिल सकती हैं।