औरंगाबाद हादसे में मृत मजदूर थे शहडोल, उमरिया के निवासी, शव लाने सीएम ने भेजा दल
भोपाल। महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में लॉकडाउन की वजह से फंसे 16 मजदूर घर वापसी के लिए पैदल निकले थे। रेल की पटरियों के किनारे पैदल निकले मजदूरों की मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई। ये सभी मजदूर मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों के रहने वाले थे।
जानकारी के अनुसार ये मजदूर जालना की एसआरजे स्टील फैक्ट्री में काम करते थे। औरंगाबाद से गुरुवार को मध्य प्रदेश के कुछ जिलों के लिए ट्रेन रवाना हुई थी। इसी वजह से जालना से ये मजदूर औरंगाबाद के लिए रवाना हुए। रेलवे ट्रैक के बगल में 40 किमी चलने के बाद वे करमाड के करीब थककर पटरी पर ही सो गए। उसी समय मालगाड़ी निकलने से ये सभी उसकी चपेट में आ गए। इस हादसे में 16 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई थी। अन्य 4 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस दर्दनाक हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं प्रदेश के सीएम शिवराजसिंह ने दुःख व्यक्त किया है। महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रूपए की राशि देने का एलान किया है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने मृतकों के शवों को लाने एवं घायलों की मदद के लिए एक दल औरंगाबाद भेजा है।
ट्रेन हादसे में जान गंवाने वाले 10 मजदूर शहडोल व 5 उमरिया जिले से थे। मृतकों के नाम धन सिंह गोंड (शहडोल), रबेंन्द्र सिंह गोंड (शहडोल), बुद्धराज सिंह गोंड (शहडोल), अच्छेलाल सिंह (उमरिया), निर्वेश सिंह गोंड (शहडोल), राजबोहरम पारस सिंह (शहडोल), सुरेश सिंह कौल (शहडोल), धर्मेंद्र सिंह गोंड (शहडोल), बिगेंद्र सिंह चैनसिंग (उमरिया), ) नेमशाह सिंह (उमरिया), मुनीम सिंह शिवरतन सिंह, (उमरिया), प्रदीप सिंह गोंड (उमरिया), श्रीदयाल सिंह (शहडोल), बृजेश भैयादीन (शहडोल), दीपक सिंह गौड़ (शहडोल) है।
उसके अलावा प्रदेश सरकार की तरफ़ से हर एक मृतक श्रमिक के परिजनों को पाँच लाख दिए जाएँगे, और घायलों के इलाज की पूरी व्यवस्था की जाएगी।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) May 8, 2020
मैं विशेष विमान से उच्च अधिकारियों की एक टीम भेज रहा हूँ, जो वहाँ पर मृतकों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था करेगी और घायलों को हर सम्भव मदद करेगी।