Piyush Goyal के स्टार्टअप मॉडल पर हंगामा: स्टार्टअप्स को लेकर छिड़ी बहस, सीईओ बोले - नेताओं को चाहिए रियलिटी चेक"...

नई दिल्ली: भारत के स्टार्टअप मॉडल को लेकर केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के एक बयान ने देशभर में नई बहस को जन्म दे दिया है। स्टार्टअप महाकुंभ के मंच से बोलते हुए मंत्री ने मौजूदा स्टार्टअप ट्रेंड पर सवाल उठाया और भारत की तुलना चीन से करते हुए कहा कि भारतीय स्टार्टअप फूड डिलीवरी और फैंटेसी ऐप्स में उलझे हैं, जबकि चीन डीप टेक्नोलॉजी, सेमीकंडक्टर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम कर रहा है।
गोयल ने तीखा सवाल किया —
"क्या हम आइसक्रीम या चिप्स बनाने के लिए ही हैं? क्या हमारा मकसद सिर्फ डिलीवरी बॉय और गर्ल तैयार करना है?"
उन्होंने शार्क टैंक जज अमन गुप्ता का नाम लेते हुए कहा,
"अमन गुप्ता...जरा अपने विचार बदलो। ये स्टार्टअप नहीं, महज दुकानदारी है।"
चीन से तुलना, भारत के स्टार्टअप पर तंज
गोयल ने कहा कि भारतीय स्टार्टअप्स फूड डिलीवरी, कुकीज, बेटिंग और इंस्टेंट ग्रॉसरी तक सिमटे हैं, जबकि चीन में ईवी, रोबोटिक्स और ग्लोबल लॉजिस्टिक्स जैसे फ्यूचर टेक्नोलॉजीज पर फोकस है। उन्होंने यह भी पूछा—
"क्या यह सच में इनोवेशन है या सिर्फ अमीरों की सुविधा के लिए सस्ती मजदूरी का इस्तेमाल?"
सोशल मीडिया पर बहस, स्टार्टअप लीडर्स ने दी प्रतिक्रिया
Zepto के CEO आदित पलीचा का पलटवार:
जेप्टो के CEO आदित पलीचा ने लिंक्डइन पोस्ट में गोयल के बयान का जवाब देते हुए कहा:
“जेप्टो ने 3.5 साल में 1.5 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया है। सरकार को हर साल 1000 करोड़ से ज्यादा टैक्स और अरब डॉलर का FDI दिया है। अगर ये इनोवेशन नहीं है, तो फिर क्या है?”
Zoho के फाउंडर श्रीधर वेंबू का संतुलित जवाब:
श्रीधर वेंबू ने मंत्री के विचार को एक "चुनौती" के रूप में स्वीकार करते हुए कहा:
“देश को स्मार्ट इंजीनियरों की जरूरत है जो ग्राउंड लेवल से काम करें और वर्ल्ड-क्लास टेक्नोलॉजी बनाएं।”
अशनीर ग्रोवर का करारा जवाब:
पूर्व शार्क और भरपूर चर्चा में रहने वाले अशनीर ग्रोवर ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“भारत में सिर्फ नेताओं को रियलिटी चेक की जरूरत है। चीन ने भी फूड डिलीवरी से शुरुआत की थी, फिर डीपटेक में गया। पहले 20 साल तक 10% की आर्थिक वृद्धि दर दो, फिर स्टार्टअप को जज करो।”
The only people in India who need a ‘reality check’ are it’s politicians. Everyone else is living in the absolute reality of India.
— Ashneer Grover (@Ashneer_Grover) April 4, 2025
China also had food delivery first and then evolved to deep tech. It’s great to aspire for what they’ve done - maybe time for politicians to aspire… pic.twitter.com/6WT8moviAz
क्या बदलेगा स्टार्टअप का विजन?
पीयूष गोयल के बयान ने भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के फोकस और प्राथमिकताओं पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। क्या भारत की अगली यूनिकॉर्न पीढ़ी AI, EV और सेमीकंडक्टर पर केंद्रित होगी, या फिर यूजर्स की सुविधा आधारित ऐप्स का सिलसिला जारी रहेगा?
इस बहस से एक बात तो साफ है—स्टार्टअप इंडिया अब सिर्फ निवेश या वैल्यूएशन की बात नहीं, बल्कि विजन और उद्देश्य की भी बन चुकी है।