मध्यप्रदेश: मुख्य सचिव ने विभागों से मांगा खाली पदों का ब्यौरा, एक लाख पदों पर होना है भर्ती, मुख्यमंत्री ने पिछले हफ्ते किया था ऐलान…
विशेष संवाददाता, भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की घोषणा के एक हफ्ते भीतर ही सरकार ने एक लाख पदों पर भर्ती की प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया है। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने सभी विभागों से खाली पदों की जानकारी मांगी है। विभागों को निर्देश दिए हैं कि अगले एक पखवाड़े के भीतर खाली पदों की जानकारी श्रेणी के हिसाब से सामान्य प्रशासन विभाग को भेजें या फिर पोर्टल पर अपलोड करें। विभागों को यह स्पष्ट करना होगा कि उनके यहां भर्ती कब से नहीं हुई है। पूर्व में खाली पदों पर भर्ती के लिए क्या कदम उठाए गए थे। विभाग में सामान्य, अजा, अजजा, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस एवं दिव्यांगों के कितने पद खाली हैं।
विभागों की ओर से खाली पदों की जानकारी आते ही भर्ती की प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाया जाएगा। बताया गया कि कुछ पदों की पूर्ति आउटसोर्स से होगी, जिनमें चतुर्थ श्रेणी के पद शामिल हैं। जबकि अन्य श्रेणियों की भर्ती अलग-अलग सरकारी एजेंसियों के माध्यम से होगी। जिनमें कर्मचारी चयन बोर्ड से लेकर मप्र लोक सेवा आयोग तक शामिल हंै। मुख्य सचिव के निर्देश पर विभागों द्वारा रिक्त पदों की जानकारी को संलग्र करना शुरू कर दिया है।
खाली पदों पर भर्ती की प्रक्रिया भी प्रशासनिक तंत्र को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम हैं। पिछले कुछ सालों में बड़ी संख्या में अधिकारी एवं कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए हैं। इस वजह से मंत्रालय से लेकर लगभग सभी कार्यालयों में कर्मचारियों की भारी कमी हो गई है। सरकार के कामकाज का असर भी इस पर पड़ रहा है।
मुख्य सचिव कार्यालय से विभागों को भेजे गए पत्र में पूछा गया है कि वित्त विभाग को कितने पदों पर भर्ती के प्रस्ताव कब-कब भेजे। कितनों को मंजूरी मिली, कितनों को नहीं मिली। मंजूरी वाले पदों पर भर्ती की क्या स्थिति है। यह जानकारी भी मांगी गई है कि 15 अगस्त 2022 से अब तक कुल कितनी नियुक्तियां (श्रेणीवार)हुई हैं। एक अप्रैल 2024 तक की स्थिति में खाली पद (श्रेणी वार) कितने हैं। 31 मार्च 2025 तक सरकार में कितने पद (श्रेणीवार) खाली होंगे। 31 मार्च 2025 तक कितने पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जारी है।
एक जनवरी से शुरू हो सकती है भर्ती!
मंत्रालय सूत्रों के अनुसार प्रदेश में 1 जनवरी से 1 लाख सरकारी पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इससे पहले सरकार भर्ती की कवायद कर रही है। मुख्यमंत्री का एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर भर्ती प्रकिया शुरू करने का ऐेलान हो सकता है। खास बात यह है कि भर्ती की पूरी कवायद मुख्य सचिव अनुराग जैन की निगरानी में चल रही है।
एजेंसियों के साथ हो चुकी है बैठक
विभागों में खाली पड़े पदों पर भर्ती के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कर्मचारी चयन बोर्ड के अलावा मप्र लोक सेवा आयोग की बैठक हो चुकी है। सूत्रों ने बताया कि कुछ भर्तियों विभाग अपने स्तर पर करेंगे। नियमित नियक्तियों के लिए भी परीक्षाएं आयाजित की जाएगी। जबकि कुछ पद संविदा से भरे जाएंगे। हालांकि यह अभी तय नहीं किया गया है कि कितनी भर्तियां आउटसोर्स, संविदा और नियमित होंगी।
विभागाध्यक्षों ने रोकी दिव्यांगों की भर्ती!
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सबसे पहले दिव्यांगों की भर्ती के निर्देश दिए थे। चतुर्थ एवं तृतीय श्रेणी के पदों पर नियुक्ति के अधिकार विभागाध्यक्ष एवं कार्यालयों प्रमुखों को दिए गए थे। शासन के निर्देश पर ऑफलाइन भर्ती की कवायद शुरू की गई। लगभग सभी विभागाध्यक्ष एवं अन्य कार्यालयों ने दिव्यांगों से अलग-अलग पदों पर भर्ती के लिए आवेदन भी बुलाए। लगभग 3 महीने बीतने के बाद भी दिव्यांगों की भर्ती नहीं हो पाई है। किसी भी विभाग ने अभी दिव्यांगों की भर्ती को पूरा नहीं किया है। भर्ती का पैमाना दिव्यांगों के आठवीं, दसवीं परीक्षा के अंकों के साथ-साथ दिव्यांगता का प्रतिशत है।