फिल्मोंं के लिए पहली पसंद बन रहा है मध्यप्रदेश: "मप्र में फिल्म सिटी निर्माण के लिए सबसे सही समय"

Update: 2025-03-21 07:56 GMT
"मप्र में फिल्म सिटी निर्माण के लिए सबसे सही समय"
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अनुराग तागड़े, इंदौर: जबलपुर का भेड़ाघाट हो या सतपुड़ा-पचमढ़ी की खूबसूरत वादियां, या फिर महेश्वर की शानदार लोकेशन, फिल्मी कलाकारों को ये लोकेशन हमेशा से आकर्षित करती रही हैं। सिनेमाई पर्दे पर प्रदेश की नैसर्गिक खूबसूरती लोगों को भा रही है।

अब मध्य प्रदेश शूटिंग के लिए फिल्म निर्माता-निर्देशकों की पहली पसंद बनते जा रहा है। अगले कुछ महीनों में ही मुंबई की बड़ी प्रोडक्शन कंपनी तीन फिल्मों की शूटिंग प्रदेश में प्रारंभ करने वाली है। इंदौर कीलोकल प्रोडक्शन की वेब सिरीज और एक फिल्म की शूटिंग भी जल्द शुरू होने वाली है, जिसमें सभी कलाकार मध्यप्रदेश के ही होंगे। यह बिल्कुल सही समय है, जब प्रदेश में फिल्म सिटी की ओर ध्यान दिया जा सकता है।

नेटफ्लिक्स और कई वेब सीरीज के लिए काम कर चुके रौनित गोस्वामी ने बताया कि अभी हाल ही में प्रदेश सरकार ने जो मप्र फिल्म पर्यटन नीति 2025 घोषित की है, वह बहुत अच्छी है। फिल्म निर्माण के लिए भी प्रदेश सरकार का सहयोग बहुत अच्छा है।

हालांकि, मुंबई की तुलना में अभी काम करने वाले कलाकारों के लिए पैसा कम है लेकिन प्रदेश में लोगों को तकनीकी दक्षता बढ़ेगी, तब पैसा भी मिलने लगेगा। उन्होंने बताया कि सबसे खास बात तो यह है कि अब प्राइवेट लोकेशन्स भी शूटिंग के लिए मिलने लगी हैं, पहले इस प्रकार की लोकेशन्स पर शूटिंग की अनुमति देने के लिए लोग कतराते थे।

450 फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है प्रदेश में

अब तक प्रदेश में 450 फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। इनमें चर्चित फिल्मों की बात करें तो राजनीति, रिवॉल्वर रानी, मोहन जो दारो, बाजीराव मस्तानी, पैडमैन, अशोका, पान सिंह तोमर, दबंग 3 जैसी नई जमाने की सैकड़ों फिल्में शामिल हैं। वहीं गुजरे जमाने की बात करें तो आवारा, नया दौर, मुझे जीने दो, किनारा, सूरमा भोपाली जैसी कई फिल्मों की शूटिंग भी चर्चा में रही हैं।

मुंबई से लौट रहे हैं प्रदेश के कलाकार

कई वर्षों से सिनेमेटोग्राफी करने वाले तरुण कुशवाह ने बताया कि अभी भी फिल्म शूटिंग में लगने वाले कई उपकरणों की प्रदेश में कमी है। इंदौर और भोपाल में कुछ लोग काम कर रहे हैं लेकिन अभी इस क्षेत्र की ओर ध्यान देने की जरूरत है। मुंबई में मध्यप्रदेश के मूल निवासी जितने भी लोग फिल्मों से जुड़े हैं, वे भी अब प्रदेश की ओर लौटने लगे हैं, वे धीरे-धीरे प्रदेश में पेशेवर तरीके से प्रचार का माहौल बना रहे हैं, जो कि हमारे प्रदेश के लिए अच्छे संकेत हैं। इससे यह साबित होता है कि प्रदेश की फिल्म नीति कितनी आकर्षक है।

मप्र फिल्म पर्यटन की नई नीति में ये हैं प्रावधान

- फिल्म निर्माण और इससे संबंधित गतिविधियों की अनुमति सिंगल विंडो सिस्टम से। इसे पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट के तहत शामिल किया गया है।

- मालवी, बुंदेलखंडी, बघेलखंडी, निमाड़ी, गोंडी, भीली, कोरकू जैसी स्थानीय भाषाओं पर आधारित फिल्मों के लिए 10 फीसदी अतिरिक्त अनुदान।

- महिला केंद्रित फिल्मों के साथ ही क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने के लिए मराठी फिल्मों के लिए अनुदान का प्रावधान।

- बच्चों की फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए विशेष अनुदान।

- फीचर फिल्म के लिए अनुदान अधिकतम 2 करोड़ रुपये, वेब सीरीज के लिए अधिकतम 1.5 करोड़ रुपये, टीवी-शो एवं सीरियल्स के लिए अनुदान अधिकतम 1 करोड़ रुपए तक।

- शॉर्ट फिल्मों के लिए 15 लाख के अनुदान की घोषणा की है और डाक्यूमेंट्री के लिए 40 लाख रुपये। 

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