Archery: भारत को मिली बड़ी खुशखबरी, Olympics 2028 में पहली बार खेला जाएगा ये गेम...

Compound archery is officially joining the Olympic family: अमेरिका के लॉस एंजिल्स में होने वाले ओलंपिक 2028 को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया है। इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) ने पहली बार कंपाउंड मिक्स्ड टीम तीरंदाजी (Compound Mixed Archery) को ओलंपिक में शामिल करने की घोषणा की है। अब तक ओलंपिक में केवल रिकर्व ऑर्चरी को ही मान्यता प्राप्त थी, लेकिन कंपाउंड ऑर्चरी की एंट्री से भारत जैसे देशों की पदक संभावनाएं और भी मज़बूत हो गई हैं। भारत इस फॉर्मेट में दुनिया की अग्रणी टीमों में गिना जाता है, ऐसे में यह फैसला देश के लिए किसी 'गेम-चेंजर' से कम नहीं...
Our favorite type of crossover. 🏹
— LA28 (@LA28) April 9, 2025
As part of the latest LA28 medal event program updates, we're so excited to announce a new medal event in Archery. Previously featured in the Paralympic Games, the mixed team event in Compound Bow will be an Olympic first in 2028.… pic.twitter.com/mVG95SRPZE
कंपाउंड ऑर्चरी को मिला ओलंपिक मंच
कंपाउंड ऑर्चरी की लोकप्रियता बीते कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है और अब इसे ओलंपिक में शामिल किया जाना इस खेल के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। वर्ल्ड ऑर्चरी के अनुसार, 1972 के बाद यह पहली बार है जब ऑर्चरी में किसी नई शैली को ओलंपिक खेलों में जगह मिली है। वर्ल्ड ऑर्चरी के प्रेसिडेंट उगुर एर्डनर ने इस मौके को तीरंदाजी और दुनिया भर के लाखों कंपाउंड एथलीट्स के लिए एक "महत्वपूर्ण उपलब्धि" बताया।
उन्होंने IOC अध्यक्ष थॉमस बाक का इस फैसले के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि यह पूरे तीरंदाजी समुदाय की मेहनत और जुनून का नतीजा है। अमेरिका में जन्मे इस खेल को 2013 में पहली बार वर्ल्ड गेम्स में शामिल किया गया था और अब लॉस एंजिल्स ओलंपिक 2028 में इसकी आधिकारिक एंट्री इसे नई पहचान दिलाएगी।
कंपाउंड ऑर्चरी में भारत की मजबूत पकड़
भारत के लिए कंपाउंड ऑर्चरी को ओलंपिक में शामिल किया जाना एक बड़ी खुशखबरी है। इस इवेंट में भारतीय एथलीट्स का प्रदर्शन लगातार सराहनीय रहा है। हाल ही में तीरंदाजी विश्व कप चरण एक में भारत ने कंपाउंड पुरुष टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर शानदार शुरुआत की।
अभिषेक वर्मा, ओजस देवताले और ऋषभ यादव की तिकड़ी ने डेनमार्क को 230-223 से हराकर अपनी श्रेष्ठता साबित की। अब जब यह स्पर्धा ओलंपिक में शामिल हो गई है तो भारत की पदक जीतने की संभावनाएं पहले से कहीं अधिक मजबूत हो गई हैं।