MP Aakankshi Yuva: बेरोजगार के नाम बदलने पर भड़की कांग्रेस, बोली- युवाओं के जीवन के साथ खिलवाड़, बेरोजगारों का बनाया मजाक

Update: 2025-03-29 07:21 GMT
बेरोजगार के नाम बदलने पर भड़की कांग्रेस, बोली- युवाओं के जीवन के साथ खिलवाड़, बेरोजगारों का बनाया मजाक
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Congress on Changing Name of Unemployed : भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने सड़क, रेलवे स्टेशन, फ्लाईओवर आदि के साथ नाम बदलने के बाद अब बेरोजगारों को भी नया नाम आकांक्षी युवा दिया है। अब इसको लेकर मध्य प्रदेश की राजनीति गरमा गई हैं। कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इसे युवाओं के जीवन के साथ खिलवाड़ बताया है। उन्होंने कहा कि, युवाओं की मजबूरी का मजाक बनाया जा रहा है। 

आखिर आप साबित क्या करना चाहते हैं?

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मोहन सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि, कोई मोहन सरकार से पूछे कि #बेरोजगारों को #आकांक्षी_युवा कहकर आखिर आप साबित क्या करना चाहते हैं? उमंग सिंघार ने आगे कहा कि, जिन शिक्षित युवाओं के पास योग्यता होते हुए भी काम नहीं है, वे 'बेरोजगार' हैं! लेकिन, #MP_सरकार ढेरों आश्वासन के बावजूद उन्हें रोजगार नहीं दे पा रही और उनकी मजबूरी का नाम बदलकर उसे मजाक बना दिया।

युवाओं को भरमाने की कोशिश

सब इंस्पेक्टरों और सूबेदारों की 8 साल से भर्ती नहीं हुई, लेखापाल और उप अंकेक्षक के पदों पर भी 8 साल से भर्ती नहीं की जा रही। अपनी खामी को छुपाने के लिए #MP_सरकार बेरोजगारों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है। CM साहेब युवाओं को भरमाने की कोशिश न करें, इतिहास गवाह है कि हर बड़ा बदलाव युवाओं ने ही किया है। 

दरअसल, विधानसभा में सवाल आया था कि प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या कितनी है। इसके लिखित जवाब में कौशल विकास एवं रोजगार राज्यमंत्री गौतम टेटवाल ने बताया कि एमपी में रोजगार पोर्टल पर पंजीकृ बेरोजगारों की जानकारी संधारित नहीं की जाती है। आकांक्षी युवाओं की जानकारी संधारित की जाती है। वर्ष 2020-21 से अब तक लगाए गए 2,709 रोजगार मेले में 3 लाख 22 हजार से अधिक युवाओं को ऑफर लेटर दिए गए हैं। चार वर्ष में लगाए गए जॉब फेयर में 465.84 लाख रुपए खर्च हुए हैं।

वहीं विधानसभा में जुलाई में सरकार ने जानकारी दी थी उसमें प्रदेश में 25 लाख 82 हजार बेरोजगार पंजीकृत हैं। इसके बाद दिसम्बर में विधानसभा को बेरोजगारों के संबंध में बताया था कि इसकी संख्या 26 लाख 36 हजार हो गई है। अब यह बताया गया कि प्रदेश में 29 लाख 36 हजार आकांक्षी युवा हैं।

सरकार ने इस मामले पर सफाई देते हुए कौशल विकास मंत्री गौतम टेटवाल ने कहा कि रोजगार कार्यालय में रजिस्टर्ड बेरोजगारों की संख्या अलग है। जिसके हिसाब से घर की दुकान पर काम करने वाला युवा बेरोजगारों की गिनती में नहीं आएगा। मंत्री जी ने आगे कहा कि जो युवा अपने और अपने परिवार के लिए 12,646 रुपये से कम कमाता है और उसे कोई काम नहीं मिल रहा है, तो वह बेरोज़गार हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश में ऐसी स्थिति नहीं है। 


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