Saurabh Sharma Case: उमंग सिंघार ने लिया मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री का नाम, कहा - लीपापोती कर रही भाजपा

Update: 2025-02-15 09:51 GMT

उमंग सिंघार ने लिया मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री का नाम, कहा - लीपापोती कर रही भाजपा

Saurabh Sharma Case : मध्य प्रदेश। सौरभ शर्मा केस को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार पर कई आरोप लगाए। उन्होंने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर आरोप लगाते हुए कहा कि, भाजपा सरकार लीपापोती करने का काम कर रही है।

उमंग सिंघार ने कहा - फोन इस केस का सबसे बड़ा राज़दार है? जांच एजेंसियों की जांच में अब तक सौरभ शर्मा की कॉल डिटेल्स से जुड़ी कोई जानकारी सामने नहीं आई है, आखिर क्यों? आमतौर पर किसी भी जांच में अपराधी की फोन कॉल डिटेल्स खंगाली जाती हैं, लेकिन इस केस में जांच एजेंसियों ने अब तक कोई भी कॉल डिटेल्स पेश नहीं की। अगर फोन कॉल की डिटेल्स निकाली जाएं, तो कई और नाम सामने आ सकते हैं। भाजपा लगातार इस केस की जांच को दबाने की कोशिश कर रही है।

सौरभ शर्मा केस में सिर्फ लीपापोती कर रही भाजपा सरकार!प्रधानमंत्री जी ज़ीरो टॉलरेंस की बात करते हैं, लेकिन क्या मध्यप्रदेश में पैसों के बंदरबांट के बारे में उनको पता है? इस पूरे मामले में अभी और भी कई बड़े नाम सामने आना बाकी हैं। इस मामले की जांच और सख्ती के साथ करने की बेहद आवश्यकता है, जिसके बाद कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।

उमंग सिंघार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा यह भी किया कि, परिवहन विभाग को सौरभ की ओर से दो करोड़ रुपए जाता था। सौरभ शर्मा फरारी के दौरान कहां - कहां गया किसने उसे पनाह दी इसकी भी जांच की जानी चाहिए।

उमंग सिंघार ने कहा कि, सौरभ शर्मा द्वारा बताया गया है कि, लोकेश शिवदासन जो हवाला का काम करता था उसके साथ संजय और श्वेता श्रीवास्तव ड्रोन कंपनी चलाते थे। कुल मिलाकर इस मामले की गहराई से जांच हुई तो और नाम सामने आ सकते हैं। गोविंद राजपूत जी ने 2019 से 2024 तक 400 करोड़ों रुपए की जमीन खरीदी है। कई बेनामी संपत्ति के भी मालिक हैं गोविंद राजपूत जी। दस्तावेजों में दी गई जानकारी से साफ है कि भ्रष्टाचार में मंत्री गोविंद राजपूत जी पूरी तरह लिप्त हैं।

सौरभ शर्मा का क्या है केस :

कुछ समय पहले लोकायुक्त की टीम ने भोपाल की अरेरा कॉलोनी में आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के ठिकानों छापेमारी की थी। इस छापेमारी में करोड़ों रुपए की संपत्ति का खुलासा हुआ था। इसके बाद ईडी और आईटी ने भी इस मामले की जांच शुरू की थी। लंबे समय तक फरार रहने के बाद सौरभ शर्मा भोपाल आया था। इसी दौरान लोकायुक्त ने उसे हिरासत में ले लिया था। जेल में ही ईडी ने भी सौरभ शर्मा को गिरफ़्तार कर लिया है। उसके खिलाफ जांच जारी है। सौरभ शर्मा की नियुक्ति को लेकर भी कई सवाल उठते रहे हैं। सौरभ शर्मा को इस केस में छोटी मछली बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि, पूरा पैसा अधिकारी और नेताओं का है। इस मामले में सौरभ को बेवजह फंसाया गया है। बहरहाल जांच एजेंसियां जांच में जुटी हैं।

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