फिरहाद हाकिम होंगे कोलकाता के नए मेयर, माला राय होंगी चेयरपर्सन

Update: 2021-12-23 10:41 GMT
फिरहाद हाकिम होंगे कोलकाता के नए मेयर, माला राय होंगी चेयरपर्सन
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कोलकाता। नगर निगम (केएमसी) में मेयर की जिम्मेदारी फिरहाद हकीम को दी गई है। इसके साथ ही नगर निगम का चेयर पर्सन एक बार फिर सांसद माला रॉय को बनाया गया है। गुरुवार को केएमसी के जीते तृणमूल के सभी 134 पार्षदों के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दोपहर को महाराष्ट्र भवन में बैठक की है। इस बैठक में

मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि कोलकाता के मेयर एक बार फिर फिरहाद हकीम ही होंगे। इसके साथ ही 144 वार्डों वाले कोलकाता नगर निगम में अतिन घोष को ही दोबारा डिप्टी मेयर बनाने का ऐलान किया। मेयर इन काउंसिल में 13 सदस्यों को जगह दी गई है जबकि नगर निगम का चेयरपर्सन एक बार फिर सांसद माला रॉय को बनाया गया है। 

ममता ने इस बार जीती हुई महिला पार्षदों को भी अहम जिम्मेदारी देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि कोलकाता के कुल 16 बोरो में से नौ बोरो का चेयरमैन महिला पार्षदों को ही बनाया जाएगा। ममता ने पार्षदों को जिम्मेदारी से काम करने की हिदायत देते हुए कहा कि आप लोगों को बातें कम और काम ज्यादा करनी है। उन्होंने कहा कि मीडिया में आप लोग बातें ज्यादा करें और काम ना करें यह हम स्वीकार नहीं करेंगे। यह सब भाजपा में होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर छह महीने में पार्षदों का रिपोर्ट कार्ड मैं लूंगी।

40 नवनिर्वाचित पार्षदों को विशेष नसीहत - 

इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 40 नवनिर्वाचित पार्षदों को विशेष नसीहत दी है। उन्होंने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस के जीते 134 पार्षदों में से 40 बिल्कुल नए हैं और उन्हें पुराने पार्षदों से काम सीखना होगा। तृणमूल सुप्रीमो ने कहा कि जीत आपको जिम्मेदार बनाती है और अहंकार के बजाय सिर नीचे कर काम करना सीखिए। उल्लेखनीय है कि 2018 में तत्कालीन मेयर शोभन चटर्जी के इस्तीफे के बाद से ममता ने तत्कालीन शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम को मेयर बनाया था। उस समय हकीम पार्षद नहीं थे लेकिन उन्हें मेयर पद पर बनाए रखने के लिए ममता सरकार ने कोलकाता नगर निगम कानून में संशोधन किया और नियम बनाया कि कोई भी कोलकाता नगर निगम के पार्षद बन सकता है। बशर्ते उन्हें छह महीने के भीतर पार्षद के तौर पर जीत दर्ज करनी होगी। इसके पहले यह नियम था कि जो पार्षद होते थे, केवल उन्हें मेयर बनाया जा सकता था लेकिन फिरहाद के लिए इस नियम में बदलाव किया गया। अब एक बार फिर ममता बनर्जी ने उन्हीं पर भरोसा जताया है।

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