दो महीने में नया स्टेशन आकार लेने लगेगा, पहले एफओबी तैयार होगा

रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर आकाश यादव के अनुसार नवंबर के बाद स्टेशन का नया स्वरूप कुछ-कुछ नजर आने लगेगा।

Update: 2023-10-25 00:45 GMT

ग्वालियर। पुनर्विकास योजना के अंतर्गत अब अगले दो माह के अंदर नया रेलवे स्टेशन आकार लेने लगेगा। इसमें सबसे पहले फुटओवर ब्रिज (एफओबी) तैयार कराया जाएगा। इसके लिए सभी प्लेटफार्म पर नींव खोदने का काम शुरू कर दिया गया है और लोहे के कालम दिल्ली में तैयार कराए जा रहे हैं। नवंबर महीने में ये कालम खड़े करने का काम शुरू कराया जाएगा। स्टेशन का मुख्य आकर्षण बनने वाले कॉनकोर्स में स्टील के फेब्रिकेटेड पिलर खड़े किए जाएंगे। यह भी पहले से तैयार होकर आएंगे और इन्हें सिर्फ प्लेटफार्म पर नींव में फिक्स कर दिया जाएगा। प्रत्येक प्लेटफार्म पर पांच-पांच पिलर खड़े होंगे।

स्टेशन पुनर्विकास का काम कर रही हैदराबाद की केपीसी इंफ्रा ने इन पिलर को तैयार करने के लिए पांच शहरों में आर्डर दिए हैं, ताकि अलग-अलग जगहों पर जल्दी काम हो सके। पिलर खड़े होने के बाद कानकोर्स का सिविल वर्क शुरू किया जाएगा। यह इस परियोजना में आकर्षण का मुख्य केंद्र होगा, क्योंकि इसकी चौड़ाई लगभग 200 फीट होगी। यह भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन के कानकोर्स के मुकाबले दोगुना चौड़ा होगा और इस पर एक बार में ढाई हजार यात्री मौजूद रह सकेंगे। रेलवे स्टेशन के हेरिटेज रूप में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इसको संरक्षित करते हुए स्टेशन का विकास किया जाएगा। स्टेशन को इस प्रकार से तैयार किया जाएगा, जिसमें सूर्य की रोशनी सीधे प्लेटफार्म पर आएगी। फुटओवर ब्रिज को भी आगरा एंड की तरफ तैयार किया जाएगा। रेलवे के अधिकारी अब तेजी से काम कराना चाहते हैं और पहली प्राथमिकता में वो काम हैं, जो ट्रैक के ऊपर होने हैं। इसका कारण यह है कि जरूरत पडऩे पर सर्दी के मौसम में ही ब्लाक ले लिए जाएं, क्योंकि इस दौरान ट्रेनें देरी से चलती हैं। रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर आकाश यादव के अनुसार नवंबर के बाद स्टेशन का नया स्वरूप कुछ-कुछ नजर आने लगेगा।

21 लिफ्ट और 19 एस्केलेटर लगेंगे

स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए 21 लिफ्ट और 19 एस्केलेटर लगाए जाएंगे। ये एस्केलेटर सभी कानकोर्स एरिया और प्लेटफार्म से जुड़े रहेंगे, जिससे यात्रियों को प्लेटफार्म तक पहुंचने के लिए आसानी होगी। ये मशीनरी सिविल वर्क पूरा होने के बाद में इंस्टाल कराई जाएगी। अभी जरूरत पडऩे पर माल ढुलाई के लिए कंपनी अस्थायी लिफ्ट की व्यवस्था करेगी। हालांकि सबसे अंत में लगने वाली इन आधुनिक मशीनों की सप्लाइ के लिए भी निर्माण करने वाली कंपनियों से बातचीत शुरू कर दी गई है, ताकि समय रहते इतनी ज्यादा संख्या में एस्केलेटर और लिफ्ट की आपूर्ति की तैयारियां कंपनियां कर लें।

-दो केंद्रीय मंत्री कर रहे निगरानी-

स्टेशन पुनर्विकास कार्य की निगरानी दो केंद्रीय मंत्री कर रहे हैं। वे लगातार परियोजना की प्रगति की रिपोर्ट मंडल और जोन के माध्यम से अपने पास मंगवा रहे हैं। इनमें रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव व केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हैं। पूर्व में जहां रेल मंत्री ने स्टेशन का निरीक्षण कर प्रस्तावित स्टेशन की ड्राइंग और डिजाइन व कार्य की प्रगति पर संतुष्टि जताई थी, तो वहीं केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने स्टेशन के बाहरी स्वरूप में लगे अलग-अलग तरह के पत्थरों को एक जैसा करने के लिए कहा था।

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