इंदौर में रंगपंचमी पर निकलेगी गेर, रियासतकालीन है परंपरा
निगम ने खतरनाक और जर्जर मकानों को तोड़ा
इंदौर। इंदौर में दो साल बाद इस बार रंगपंचमी पर ऐतिहासिक गेर निकाली जाएगी। इसकी तैयारियां तेज हो गई हैं। दो दिन पहले निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने गेर मार्ग के निरीक्षण के दौरान जनहित में खतरनाक और जर्जर मकानों को हटाने के निर्देश दिए थे। नगर निगम के रिमूवल अमले ने शनिवार सुबह गेर मार्ग पर खजूरी बाजार के हिस्से में तीन खतरनाक और जर्जर मकानों को धराशायी कर दिया।
क्षेत्रीय भवन अधिकारी विवेश जैन ने बताया कि शनिवार सुबह 8 से 10.30 बजे के बीच निगम की रिमूवल टीम ने खजूरी बाजार क्षेत्र में तीन खतरनाक भवनों को तोड़ने की कार्रवाई की। खजूरी बाजार क्षेत्र में 600 एमजी रोड खजूरी बाजार पते पर नाथद्वारा ट्रस्ट के बने खतरनाक भवन को तोड़ा गया। इसके अलावा 599 एमजी रोड पर बने रवि कोठारी के मकान को तोड़ा गया। इसके अलावा 427 एमजी रोड पर बने मंजू चंद्रकांता शाह और आनंदीलाल दवे के मिट्टी व लकड़ी से बने मकान में चाय की दुकान का संचालन हो रहा था, उसे भी तोड़ा गया। रिमूवल कार्रवाई के दौरान उपायुक्त लता अग्रवाल, भवन निरीक्षक तन्मय सिंह, प्रभात तिवारी , स्मार्ट सिटी कंपनी के प्रभारी अधिकारी डीआर लोधी और रिमूवल अधिकारी अश्विनी जनवदे व बबलू कल्याणे उपस्थित थे।
रियासत कालीन है परंपरा -
गौरतलब है कि रंगपंचमी पर गेर निकालने की परम्परा बहुत पुरानी है। यहां गेर की परंपरा रियासत काल में शुरू हुई, जब होलकर राजवंश के लोग रंगपंचमी पर आम जनता के साथ होली खेलने के लिए सड़कों पर निकलते थे, तब गेर में बैलगाड़ियों का बड़ा काफिला होता था, जिन पर टेसू के फूलों और अन्य हर्बल वस्तुओं से तैयार रंगों की कड़ाही रखी होती थी। यह रंग गेर में शामिल होने वाले लोगों पर बड़ी-बड़ी पिचकारियों से बरसाया जाता था। आज भी इस परम्परा का निर्वहन करते हुए इंदौर में गेर का आयोजन होता है, जिसे देखने के लिए देशभर से लोग यहां पहुंचते हैं।
कोरोना काल के बाद ऐतिहासिक गेर -
पिछले दो साल से कोरोना के प्रतिबंधों के कारण यहां गेर नहीं निकाली गई, लेकिन इस बार सभी प्रतिबंध हटने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वयं ऐतिहासिक गेर धूमधाम से निकालने की घोषणा की है। इसके बाद यहां गेर निकालने की तैयारियां भी शुरू हो गईं। गेर के दौरान काफी संख्या में लोग मौजूद रहते है। कई बार लोग खतनाक भवनों के आसपास भी खड़े हो जाते है। ऐसे में गेर में आने वाले लोगों को अलर्ट करने के लिए निगम ने खतरनाक भवनों के आगे सूचना चस्पा की जा रही है।